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Nupur Sharma पार्टी से सस्पेंड-नवीन जिंदल को निकाला, BJP एक्शन की 3 बड़ी वजहें?

Naveen Jindal को सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक सद्भावना भड़काने के आरोप में BJP से निकाला गया.

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पैगंबर मुहम्मद पर पार्टी प्रवक्ता के विवादस्पद टिप्पणी के कारण दबाव में दिख रही बीजेपी ने आखिरकार बड़ा कदम उठाया है. रविवार, 5 जून को बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पार्टी से सस्पेंड (Nupur Sharma Suspend) कर दिया गया. इसके अलावा नवीन कुमार जिंदल को सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक सद्भावना भड़काने के आरोप में पार्टी से निकाल दिया गया है.

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पैगंबर मुहम्मद पर प्रवक्ता नूपुर शर्मा की टिप्पणी पर भारी बवाल और हिंसा के बीच बीजेपी ने रविवार को कहा कि वह “किसी भी धार्मिक व्यक्तित्व के अपमान की कड़ी निंदा करती है”. हालांकि पार्टी ने किसी घटना या टिप्पणी का कोई सीधा जिक्र नहीं किया.

पार्टी ने अपने एक बयान में कहा कि

"भारतीय जनता पार्टी भी किसी भी संप्रदाय या धर्म का अपमान या अपमान करने वाली किसी भी विचारधारा के खिलाफ है. बीजेपी ऐसे लोगों या दर्शन को बढ़ावा नहीं देती है..भारत का संविधान हर नागरिक को अपनी पसंद के किसी भी धर्म का पालन करने और प्रत्येक धर्म का सम्मान करने का अधिकार देता है"

पार्टी से निलंबित किए जाने के बाद नूपुर शर्मा ने एक ट्वीट में लिखा है कि "मैं सभी मीडिया हाउस और अन्य सभी से अनुरोध करती हूं कि मेरा एड्रेस सार्वजनिक न करें. मेरे परिवार की सुरक्षा को खतरा है."

साथ ही नूपुर शर्मा ने एक और ट्वीट करके अपने शब्दों को वापस लिया है. उन्होंने कहा कि उनकी मंशा कभी भी किसी को कष्ट पहुंचाने की नहीं थी.

1. नूपुर शर्मा की टिप्पणी के कारण बीजेपी पर बढ़ा दबाव

पिछले हफ्ते एक टीवी डिबेट के दौरान बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा की कथित तौर पर पैगंबर मुहमद का अपमान करने वाली टिप्पणी पर मुस्लिम समुदाय का भारी आक्रोश और विरोध शुरू हो गया था.

विवादास्पद टिप्पणी के बाद उत्तर प्रदेश के कानपुर में शुक्रवार को बाजार बंद किए जाने को लेकर दो समूहों के बीच झड़प के बाद 20 पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 40 लोग घायल हो गए.

भीड़ को तितर-बितर करने और आगे की हिंसा को रोकने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े. पुलिस ने 36 लोगों को गिरफ्तार किया है और 1500 के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

बड़ी बात यह थी कि पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद शुक्रवार को घटनास्थल से केवल 80 किलोमीटर दूर एक समारोह में थे. इसके कारण यूपी में शासन कर रही योगी सरकार के लॉ एंड ऑर्डर संभालने के दावों पर भी सवाल उठे.

2. क्या मोहन भागवत के बयान का असर?

बीजेपी की अपने नेताओं पर यह कार्रवाई इस सप्ताह RSS प्रमुख मोहन भागवत द्वारा की गई टिप्पणियों के बाद आयी है, जिसमें उन्होंने कहा गया था कि झगड़े को बढ़ाने का कोई कारण नहीं है.

नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक ने भारत में हिंदू-मुस्लिम संबंधों, विशेष रूप से ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) मुद्दे पर विस्तारपूर्वक बात की थी.

3. मुस्लिम देशों में भारत का विरोध

बीजेपी नेताओं द्वारा पैगंबर मुहम्मद के कथित अपमान के बाद मिस्र, ओमान, कतर और सऊदी अरब जैसे पश्चिम एशियाई देशों में पीएम मोदी के खिलाफ हैशटैग ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा. इन हैशटैग को भारत और भारतीय उत्पादों के बहिष्कार की अपील के साथ व्यापक रूप से शेयर किया गया था.

इन मुस्लिम देशों में से सभी के भारत के साथ बहुत करीबी संबंध हैं और ये लाखों भारतीय प्रवासियों के घर हैं.

इस मामले को सबसे पहले कुवैत की एक वेबसाइट ने रिपोर्ट किया था और बाद में अन्य अरबी न्यूज ऑर्गेनाईजेशन ने चलाया. इनमें से अधिकांश रिपोर्टों में पैगंबर मुहम्मद और उनकी पत्नी के "अपमान" का जिक्र था. कुछ रिपोर्टों ने "इस्लाम के प्रति घृणा" के बढ़ने का उल्लेख किया और इस मुद्दे की तुलना पश्चिम में इस्लामोफोबिया से की गयी.

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