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राहुल, सोनिया, नीतीश, लालू समेत विपक्ष के कई नेता INDIA की बैठक के लिए मुंबई पहुंचे

28 पार्टियों के 63 सदस्य इस मीटिंग में शामिल होंगे. ये मीटिंग मुंबई के ग्रैंड हताय होटल में दो दिनों तक चलेगी.

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विपक्षी गठबंधन 'INDIA' की तीसरी बैठक आज से मुंबई में शुरू होने रही है. ग्रैंड हताय होटल में दो दिनों (31 अगस्त-1 सितंबर) तक चलने वाले इस बैठक में विपक्ष के पास कई एजेंडे हैं, जिनपर चर्चा होगी. 28 पार्टियों के 63 सदस्य इस मीटिंग में शामिल होंगे. बैठक को शिवसेना (UBT) होस्ट कर रही है.

'INDIA' गठबंधन के दल लोकसभा चुनावों के लिए इस बैठक में रणनीति तैयार करने की कोशिश करेंगे और सीट बंटवारे को लेकर भी चर्चा हो सकती है. इस बीच कई नेताओं के बयान भी सामने आए हैं. हम आपको INDIA की तीसरी बैठक से जुड़ी सारी बाते बतातें हैं.

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सोनिया गांधी,  राहुल गांधी बैठक में हिस्सा लेने मुंबई पहुंचे  

INDIA गठबंधन की बैठक में शामिल होने के लिए कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी मुंबई पहुंचे. इसके साथ ही इस बैठक से पहले विपक्ष के तमाम नेताओं के बयान आने शुरू हो गए हैं. JKPDP की अध्यक्ष मेहबूबा मुफ्ती ने कहा कि, "देश की सबसे बड़ी ताकत उसकी युवा शक्ति है. यह हमारी सबसे बड़ी पूंजी है. पंडित नेहरू जी से लेकर मनमोहन सिंह जी जैसे प्रधानमंत्रियों ने युवा शक्ति को एक नई दिशा दिखाई थी. उसी के कारण आज हम चांद पर पहुंचने में कामयाब रहे हैं."

अपना दल (कमेरावादी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष, कृष्णा पटेल ने कहा कि, "INDIA नाम ही अपने आप में बड़ा है. इस नाम से ही BJP में घबराहट है. BJP को अब समझ नहीं आ रहा है कि उन्हें करना क्या है?"

आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने कहा कि, "विपक्ष के गठबंधन से BJP बौखला गई है. ये लोग डरे हुए हैं कि कहीं ये गठबंधन सफल न हो जाए. लेकिन यह गठबंधन भारत के करोड़ों लोगों का है, जिसका फेल होना असंभव है."

राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि, "देश को एक सामूहिक नेतृत्व की आवश्यकता है जो युवाओं और समाज के सभी वर्गों की जरूरतों और आकांक्षाओं के प्रति उत्तरदायी हो. हमें ऐसी सरकार चाहिए जो अपने संवैधानिक दायित्वों के प्रति संवेदनशील हो."

बैठक के 3 मुख्य एजेंडे

1. संयोजक और संयुक्त सचिवालय पर चर्चा

लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों के लिए विपक्ष को एक आधिकारिक संयोजक की जरूरत है. पहली मीटिंग नीतीश कुमार ने होस्ट की थी. दूसरी मींटिंग कांग्रेस ने होस्ट की और अब तीसरी उद्धव ठाकरे कर रहे हैं. इस तरह तालमेल में कठिनाई आ रही है और काम भी धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है. इस देखते हुए इस बैठक किसी को संयोजक बनाया जा सकता है, जो लीड करने की भूमिका में होगा.

हालांकि, नीतीश कुमार से जब पूछा गया कि क्या आप संयोजक पद के लिए तैयार हैं, तो उन्होंने कहा कि हमारी ऐसी कोई लालसा नहीं है.

विपक्ष को एक संयुक्त सचिवालय की भी जरूरत है. इसके लिए भी तीसरी मीटिंग में जगह तय होने की संभावना है. संयुक्त विरोध प्रदर्शनों और रैलियों को आयोजित करने के एक पैनल की घोषणा करने की भी संभावना है.

2. सीट बंटवारे की तैयारी शुरू होगी

लोकसभा चुनावों में विपक्ष के सामने सबसे बड़ी चुनौती बिना विवाद के सीट बंटवारे के मुद्दे को हल करना है. कई राज्यों में विपक्षी दल खुद आमने-सामने की स्थिती में है. दिल्ली-पंजाब में कांग्रेस-AAP, पश्चिम बंगाल में कांग्रेस-TMC, केरल में कांग्रेस-लेफ्ट और जम्मू-कश्मीर में PDP और नेशनल कॉन्फ्रेंस एक-दूसरे के धुर-विरोधी हैं.

सीट बंटवारे का फॉर्मूला तैयार करने के लिए 11 सदस्यीय कोऑर्डिनेशन पर मुंबई की बैठक में चर्चा होनी है. इस कमेटी को अंतिम रूप दिया जाएगा.

इसमें कांग्रेस, TMC, DMK, AAP, JDU, RJD, शिवसेना (UBT), NCP, झारखंड मुक्ति मोर्चा, समाजवादी पार्टी और CPI(M) से एक-एक सदस्य होंगे. गठबंधन में शामिल छोटे दलों को समिति में जगह मिलने की संभावना नहीं है.

3. 'INDIA' का लोगो जारी होगा

मुंबई में होने वाली बैठक में गठबंधन का एक संयुक्त लोगो जारी किया जाएगा. इसे लेकर काफी चर्चा है. पिछली बैठक में गठबंधन का नाम INDIA (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) तय किया गया था. इस बार कोई क्रिएटव लोगो सामने आ सकता है. विपक्ष बार-बार कह रहा है कि उनकी लड़ाई 'भारत के लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करने की है.' लोगो में भी इससे मिलता जुलता कुछ देखने को मिल सकता है.

इन सब मुद्दों के अलावा इस बात पर भी चर्चा हो सकती है कि प्रवक्ताओं को गैर जरूरी बयान से बचने के निर्देश दिए जाए. देखा जा रहा है कि प्रवक्ता अपने-अपने नेता को पीएम पद का दावेदार बता दे रहे हैं. इससे मीडिया में विपक्षी एकता को लेकर गलत संदेश जा रहा है.

मुंबई की बैठक से पहले AAP की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कर ने अरविंद केजरीवाल को पीएम पद का प्रमुख दावेदार बता दिया. हालांकि, बाद में राघव चड्डा ने इसका खंडन किया.

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बैठक का मिनट-टू-मिनट शेड्यूल

  • 31 अगस्त को नेता मुंबई पहुंचेंगे. शाम 6 से साढ़े 6 बजे के बीच मेहमानों का औपचारिक स्वागत होगा.

  • साढ़े 6 बजे के बाद अनौपचारि भेंट मुलाकात होगी.

  • रात 8 बजे सभी नेता डिनर पर मिलेंगे. ये डिनर उद्धव ठाकरे होस्ट करेंगे.

  • इसके बाद अगले दिन यानी 1 सितंबर को सुबह 10.15 पर ग्रुप का फोटो सेशन होगा.

  • साढ़े 10 बजे से 2 बजे तक विपक्ष के गंठबंधन 'INDIA' का लोगो जारी किया जाएगा और मुख्य कांफ्रेंस होगी. इसी दौरान सभी मुद्दों पर चर्चा होगी.

  • दोपहर 2 बजे लंच होगा, जिसे MPCC और MRCC होस्ट करेंगे.

  • दोपहर 3.30 बजे नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी.

बैठक से पहले किसने क्या बोला?

मुंबई में शुरू हो रही विपक्ष की 2 दिवसीय बैठक से पहले मुंबई में पोस्टर और होर्डिंग्स लगाए गए हैं. इनमें INDIA गठबंधन के नेता दिख रहे हैं. कई नेताओं ने अपने-अपने बयान सामने रखे हैं. कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा है...

पहली बैठक से अब तक इंडिया गठबंधन के तहत पार्टियां बढ़कर 28 तक पहुंच गई है और धीरे-धीरे बीजेपी के साथ वाली सभी पार्टियां 'INDIA' गठबंधन में शामिल हो जाएंगी.

संजय निरुपम ने अपने एक और बयान में कहा है, "सभी कांग्रेस कार्यकर्ता चाहते हैं कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनें... जीत दर्ज करने के बाद (विपक्ष के) सभी नेता (पीएम का) फैसला करेंगे."

ममता बनर्जी 30 अगस्त को ही मुंबई पहुंच गईं. रक्षाबंधन पर उन्होंने शिवसेना (UBT) नेता उद्धव ठाकरे को राखी बांधी. इसके अलावा वो अमिताभ बच्चन और उनके परिवार से मिलने उनके घर भी पहुंचीं.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि विपक्षी गठबंधन की बैठक के एजेंडे में सबसे महत्वपूर्ण बात ये होगी कि 2024 का चुनाव कैसे जीता जाए.

समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव 'INDIA गठबंधन की तीसरी बैठक के लिए मुंबई पहुंचे. उन्होंने कहा, ''ये दोनों (रामदास अठावले और BSP प्रमुख मायावती) देश की राजनीति में अस्तित्वहीन हो गए हैं.''

बिहार के उपमुख्यमंत्री और RJD नेता तेजस्वी यादव ने कहा,

"हम (विपक्षी दल) सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने के लिए एक साथ आए हैं. देश की जनता चाहती थी कि हम इस गठबंधन को बनाने का काम करें."

शरद पवार ने कहा कि गठबंधन देश में राजनीतिक बदलाव लाने के लिए एक मजबूत विकल्प प्रदान करेगा और कहा कि हमारे पास बीजेपी के "केवल एक" के विपरीत प्रधानमंत्री पद के लिए कई चेहरे हैं.

INDIA गठबंधन की बैठक पर राज्यसभा सांसद और RJD नेता मनोज झा ने कहा है कि "मुंबई में बैठक के बाद हमारे पास एक ठोस आधार और एक रोडमैप होगा और हम कह सकेंगे कि हम इस देश को वापस पटरी पर ला रहे हैं... हर पार्टी अपने नेता को शीर्ष पर (पीएम पद) देखना चाहती है, लेकिन सभी को संयुक्त बैठक के नतीजे का इंतजार करना चाहिए."

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NCP मुद्दे को विपक्ष ने बखूबी संभाला 

मुंबई बैठक से पहले, NCP को लेकर काफी चर्चा थी. पार्टी प्रमुख शरद पवार ने अपने भतीजे अजित पवार के साथ हाल ही में एक 'सोशल' बैठक की, जो पार्टी के अधिकांश विधायकों के साथ NDA में शामिल हो गए हैं.

शरद पवार समर्थक खेमे के एक एनसीपी नेता ने द क्विंट को बताया, "महा विकास अघाड़ी (महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना गठबंधन) के भीतर दरार पैदा करने और एनसीपी के खिलाफ शिवसेना और कांग्रेस दोनों को भड़काने के स्पष्ट प्रयास किए गए थे।" .

हालांकि, कांग्रेस और शिवसेना (UBT) दोनों के अंदरूनी सूत्रों ने क्विंट हिंदी से कहा कि शरद पवार के बयानों से सच में कुछ चिंताएं थी, खासकर जब उन्होंने कहा कि अजित पवार और उनके समर्थक भी उनकी पार्टी का हिस्सा हैं.

मामला तब और बिगड़ गया जब कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण ने सार्वजनिक रूप से कहा कि बीजेपी ने NCP नेता और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले को केंद्रीय मंत्रिमंडल में पद की पेशकश की है.

एक NCP नेता ने कहा, ''यह अच्छा है कि तीनों दलों के शीर्ष नेता संपर्क में रहे और कोई गलतफहमी नहीं हुई.'' उन्होंने आगे कहा कि वे (शरद पवार) जानते हैं कि कुछ कांग्रेस नेताओं की ओर से आ रही नकारात्मक टिप्पणियां सोनिया गांधी, राहुल गांधी या मल्लिकार्जुन खड़गे के विचारों को नहीं दिखाती हैं.

अशोक चव्हाण और बालासाहेब थोराट जैसे महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने भी NCP के खिलाफ कोई भी सार्वजनिक बयान देने से इनकार किया है. ये एक महत्वपूर्ण 'बारूदी सुरंग' थी, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी गठबंधन और महाराष्ट्र में MVA बच गए.

NCP को अलग करने का मतलब महाराष्ट्र में पूरे गठबंधन का निश्चित अंत होगा, क्योंकि ये शरद पवार की पार्टी है जो वैचारिक मतभेदों के बावजूद कांग्रेस और शिव सेना UBT को एक साथ लेकर आई है. अगर शरद पवार वास्तव में NDA की ओर चले गए होते, तो दोनों दलों के लिए सहयोगी बने रहना बहुत मुश्किल होता, हालांकि दोनों दलों में NCP से स्वतंत्र संबंध बनाने के लिए पिछले कुछ समय से प्रयास हो रहे हैं.

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पिछली 2 मीटिंग में क्या हुआ?

विपक्ष की इससे पहले 2 मीटिंग हो चुकी है. पहली मीटिंग 23 जून को पटना में हुई थी. नीतीश कुमार इसके अगुवा थे. इस बैठक में 24 पार्टियां शामिल हुई थीं. इसमें मुख्य रुप में गठबंधन के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने का प्रयास था. बैठक के बाद सबने एकजुट होकर बीजेपी और NDA के खिलाफ 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने की बात कही थी.

विपक्षी गठबंधन की दूसरी मीटिंग बेंगलुरू में 18 जुलाई को कांग्रेस की अगुवाई में हुई. इसमें गठबंधन का नाम INDIA-Indian National Developmental Inclusive Alliance तय किया गया. इस बार पार्टियों की संख्या 26 थी.

अब मुंबई में होने जा रही बैठक में 28 पार्टियों के शामिल होने की संभावना है.

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