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पंकजा मुंडे ने ट्विटर हैंडल से BJP हटाया,क्या शिवसेना में जाएंगी?

अब सवाल उठने लगा है कि क्या पंकजा वाकई बीजेपी से बाहर निकलने का ऐलान 12 दिसंबर को करेंगी

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दिवंगत बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी और फडणवीस सरकार में मंत्री रहीं पंकजा मुंडे के तेवर बदले-बदले लग रहे हैं. अब उन्होंने अपने ट्विटर बायो से BJP नेता भी हटा दिया है. सवाल उठने लगा है कि क्या पंकजा वाकई 12 दिसंबर को बीजेपी से बाहर निकलने का ऐलान करेंगी या फिर ये सिर्फ एक 'ड्रामा' है, जिसके जरिए पार्टी नेताओं पर दबाव बनाकर विधान परिषद में नेता विपक्ष की पोस्ट हासिल की जा सके?

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हालांकि महाराष्‍ट्र बीजेपी प्रदेश अध्‍यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने इस तरह की अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश की है. पाटिल ने दावा किया है कि पंकजा मुंडे पार्टी नहीं छोड़ रही हैं और इस तरह की अटकलें बेबुनियाद हैं.

जहां तक पंकजा मुंडे का सवाल है, वे फोन पर तो बात नहीं कर रही हैं, लेकिन CM उद्धव ठाकरे को बधाई देने वाले उनके कई ट्वीट दिखाई दे रहे हैं. इसलिए सवाल उठ रहे हैं- क्या पंकजा शिवसेना में शामिल होंगी?

अगर आप उनके ट्विटर अकाउंट पर जाकर पिछले कुछ ट्वीट देखें, तो साफ नजर आता है. उद्धव को मुख्यमंत्री बनने की बधाई देते हुए उन्होंने लिखा :

आदरणीय प्रिय उद्धव जी को मन की गहराइयों से शुभकामनाएं. एक ठाकरे ने पहली बार चुनाव लड़ा और पहली बार मुख्यमंत्री बने. हार्दिक अभिनंदन!! महाराष्ट्र की संस्कृति और परंपरा ये ही है कि ‘राज्य का हित पहले’ !! राज्य के नए मुख्यमंत्री को राज्य के उज्‍ज्‍वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं.
पंकजा मुंडे, बीजेपी नेता

शिवसेना के सरकार बनाने के बाद से ही बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र की नई सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. लेकिन इधर उन्हीं की सहयोगी मंत्री रहीं पंकजा मुंडे ने नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री उद्धव को शुभकामनाएं देने के लिए लगातार 3 ट्वीट कर दिए.

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10 दिन में तय करूंगी आगे क्या करना है

पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे 12 दिसंबर को अपने समर्थकों से मिलकर कोई बड़ा ऐलान कर सकती हैं. विधानसभा चुनावों में हारने के बाद पहली बार पार्टी नेता पंकजा मुंडे ने अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है.

पंकजा ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि 12 दिसंबर को गोपीनाथ मुंडे की पुण्यतिथि पर सभी समर्थकों से निवेदन है कि वे बैठक में शामिल हों. उन्होंने कहा कि बदलते सियासी माहौल में अपनी ताकत पहचानने की जरूरत है, 8-10 दिन के भीतर ही बड़ा फैसला लूंगी.

फेसबुक पोस्ट में लिखी थी ये बातें

पंकजा मुंडे ने रविवार को अपनी फेसबुक पेज पर मराठी में एक पोस्ट लिखा.

चुनाव नतीजों के बाद राजनीतिक घटनाक्रम तेज हो गए, कोर कमेटी की बैठक, पार्टी की बैठक, आपने यह सब देखा. चुनाव में मिली हार के बाद मैंने मीडिया के सामने जाकर अपनी हार स्वीकारी और विनती की कि हार की जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ मेरी है. चुनाव में मिली हार के बाद दूसरे दिन ही पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में मैं मौजूद थी. पहले देश, फिर पार्टी और अंत में खुद - यह संस्कार बचपन से मुझ में है. जनता के प्रति कर्तव्य से बड़ा और दूसरा कोई कर्त्तव्य नहीं है. यह बचपन से ही गोपीनाथ मुंडे साहब ने सिखाया है. इसी की वजह से उनकी मौत के तीसरे ही दिन मैं काम में लग गई .पंकजा मुंडे ने आगे लिखा कि 5 साल तक सत्ता में रहते हुए आप सबकी सेवा की. यह सेवा का मौका सिर्फ और सिर्फ आपके विश्वास की वजह से मुझे मिला और हार के बाद भी व्यथित लोगों ने मुझे मैसेज किए, फोन किए और मिलने की इच्छा जताई. लोगों ने कहा- बहन आप से मिलना है, मिलने का समय दें बहन. आप सब ने मेरे लिए कितनी संवेदना व्यक्ति की.
पंकजा मुंडे, बीजेपी नेता

12 दिसंबर को पंकजा मुंडे क्या करेंगी, ये तो बाद में पता चलेगा. लेकिन इतना तय है कि पंकजा मुंडे और बीजेपी के रिश्ते में सब कुछ बेहतर नहीं चल रहा. पहले 12 दिसंबर को बड़े ऐलान की बात करना, शिवसेना के नए मुख्यमंत्री के लिए कसीदे गढ़ना और फिर ट्विटर हैंडल बायो से से 'बीजेपी' हटा लेना.

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