जन अधिकार पार्टी के संरक्षक और मधेपुरा से सांसद पप्पू यादव ने सांसद पद से इस्तीफा देने की धमकी दी है. उन्होंने बिहार सरकार के व्यवहार से आहत होते हुए यह कदम उठाने की बात कही है.
दरअसल पप्पू यादव पर 7 जनवरी को IGIMS में ‘आपका सेवक आपके द्वार’ कार्यक्रम को बिना अनुमति के आयोजित करने पर पटना के शास्त्रीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्य सचिव और गृह सचिव के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है, जबकि वहां वे गरीबों और पीड़ितों के अधिकारों की रक्षा कर रहे थे.
पप्पू यादव ने कहा कि नीतीश कुमार राजनीतिक पूर्वागृह के चलते उनके खिलाफ जबरदस्ती कार्रवाई कर रहे हैं.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर मधेपुरा से सांसद पप्पू यादव ने कहा कि वे अगले लोकसभा सत्र में यह मामला उठाएंगे और लोकसभा अध्यक्ष से सासंदों के अधिकारों को स्पष्ट करने को कहेंगे.
मैंने स्पीकर को पत्र भेजा है. बिहार पिछले 28 सालों से खतरे में है. बिहार में देखने को मिला है कि जिसकी लाठी उसकी भैंस. कौन है जो पप्पू यादव को रोकने की कोशिश कर रहा है. क्या किसी सांसद को अधिकार नहीं है कि वो लोगों के लिए जमीन पर बैठे? क्या यह गुनाह है? IGMS के सुप्रीटेंडेंट ने मुझे फोन कर बताया कि उन पर चीफ सेक्रेटरी और होम सेक्रेटरी ने मुझ पर केस दर्ज कराने के लिए दवाब बनाया था.पप्पू यादव, सांसद, मधेपुरा
उन्होंने आगे कहा कि ‘अगर लोकसभा में इस मामले पर निर्णय नहीं हुआ तो आने वाले सत्र में पप्पू यादव का इस्तीफा मंजूर करना होगा.’
पप्पू यादव ने शुक्रवार को चार जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर भी अपने विचार रखे. उन्होंने 48 घंटे के भीतर लोकसभा का विशेष सत्र बुलाकर इस मामले पर चर्चा कराए जाने की मांग की.
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