केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच जिस अध्यादेश पर ठनी है, उसे संसद में पेश करने का समय आ गया है. केंद्र सरकार ने जानकारी दी है कि दिल्ली में सेवाओं और अधिकारियों की पोस्टिंग पर नियंत्रण वाले अध्यादेश को विधेयक के रूप में इसी हफ्ते संसद में पेश किया जाएगा. इस पर दिल्ली सरकार चला रही आम आदमी पार्टी को विपक्ष का साथ मिलने की उम्मीद है, लेकिन मॉनसून सत्र में मणिपुर (Manipur Violence) मुद्दे को लेकर कार्यवाही अब तक सुचारू रूप से नहीं चल पाई है. ऐसे में दिल्ली अध्यादेश, मणिपुर समेत 10 बड़े अपडेट्स.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के खिलाफ एकजुट विपक्ष की पहली परीक्षा के रूप में सामने आएगा.
दिल्ली सरकार में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग पर केंद्र सरकार के नियंत्रण वाले अध्यादेश को कानून में परिवर्तित करने के लिए विधेयक का ड्राफ्ट सांसदों के बीच बांट दिया गया है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) ने बिल के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. AAP विपक्षी गठबंधन इंडिया का हिस्सा है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भी इस बिल के विरोध में उतर आए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में मणिपुर की जातीय हिंसा पर बोलने की विपक्ष की मांग से संसद की कार्यवाही प्रभावित हुई है. इसके चलते संसद का ज्यादातर समय स्थगित ही रहा है. पीएम मोदी संसद के अंदर मणिपुर मुद्दे पर कुछ नहीं बोले हैं, जबकि हिंसा बीते लगभग 3 महीनों से जारी है.
गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कहा है कि वह मणिपुर मामले पर संसद में चर्चा का जवाब देने के लिए तैयार हैं. लेकिन, विपक्ष ने अमित शाह के प्रस्ताव को ठुकरा दिया और संसद में मणिपुर हिंसा पर पीएम मोदी के बयान की मांग की है. विपक्ष ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है.
एक तरफ लोकसभा अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, तो दूसरी तरफ सरकार अपने विधायी एजेंडे पर लगातार आगे बढ़ रही है.
सरकार ने लोकसभा में विचार करने और पारित करने के लिए 13 ड्राफ्ट बिल्स को सूचीबद्ध किया है, जबकि अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस सदन के सामने अभी लंबित है.
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष को चुनौती दी है कि अगर उन्हें लगता है कि उनके पास लोकसभा में संख्या है तो वे सदन में विधेयकों को पास होने से रोक के दिखाएं.
प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि, "वे अचानक अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं. क्या इसका मतलब यह है कि कोई सरकारी कामकाज नहीं होना चाहिए? अगर उनके पास संख्या है, तो उन्हें सदन के पटल पर विधेयकों को रोकना चाहिए."
विपक्षी समूह 'INDIA' के सदस्य पिछले दो दिनों से हिंसा प्रभावित मणिपुर के दौरे पर थे. सोमवार, 31 जुलाई को जब संसद फिर से खुल रहा है तो विपक्ष मणिपुर के मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए पहले से ज्यादा आक्रामक रूख अपना सकता है.
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