ADVERTISEMENTREMOVE AD

संसद सत्र गुजर गया गुबार देखते रहे, पेगासस जासूसी पर शुरू हुई बहस हंगामे पर खत्म

Parliament session| संसद सत्र के आखिरी दिन हुए हंगामे को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू

छोटा
मध्यम
बड़ा

संसद का मानसून सत्र (Parliament Monsoon session) पूरी तरह से हंगामे की भेंट चढ़ गया. पहले दिन से ही विपक्ष ने सरकार को कृषि कानूनों (Farm Laws) और पेगासस जासूसी (Pegasus) मामले को लेकर जमकर घेरना शुरू कर दिया. लेकिन न तो विपक्ष की मांग पूरी हुई और न ही पेगासस जैसे बड़े मुद्दों पर चर्चा की गई. आखिर में अब संसद सत्र का अंत भी विपक्षी सांसदों और मार्शलों के बीच झड़प के साथ हुआ. पूरा संसद सत्र ऐसे ही गुजर गया और गुबार देखते रहे. जिन मुद्दों पर बहस होनी चाहिए थी वो पीछे छूट गए और सिर्फ हंगामा ही बाकी रह गया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सिर्फ हंगामा बाकी रह गया, इसलिए कह रहे हैं क्योंकि बाकी मुद्दे धुएं की तरह गायब हो चुके हैं. अब चारों तरफ संसद के हंगामे की चर्चा है. विपक्ष जहां ये आरोप लगा रहा है कि संसद में उनकी महिला सांसदों के साथ मारपीट हुई, वहीं सत्ता पक्ष के नेता इस हंगामे के वीडियो शेयर कर विपक्ष पर निशाना साध रहे हैं. इतना ही नहीं, इस पूरे मामले को लेकर सरकार का पक्ष रखने के लिए एक या दो नहीं, बल्कि 7 केंद्रीय मंत्रियों को मीडिया के सामने आना पड़ा.

11 अगस्त को राज्यसभा में जमकर हंगामा

बुधवार को संसद के उच्च सदन राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष ने पेगासस और अन्य मुद्दों को लेकर जमकर नारेबाजी शुरू की और पेपर फाड़ दिए. इसके बाद मार्शलों को बुलाया गया. मार्शल बुलाए जाने के बाद मामला और बिगड़ गया और सांसदों और मार्शलों के बीच तीखी झड़प हुई. विपक्ष ने इस मामले को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला.

विपक्ष ने लगाए सदन के अंदर मारपीट के आरोप

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मीडिया के सामने आकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, इतिहास में पहली बार राज्यसभा के अंदर सांसदों की पिटाई की गई है. उन्होंने कहा कि,

"बाहर से लोगों को बुलाकर सांसदों के साथ धक्का मुक्की और मारपीट की गई. चेयरमैन की जिम्मेदारी हाउस को चलाने की है, उन्होंने पिछले दिनों में हाउस को क्यों नहीं चलाया. विपक्ष के दिल में जो बात है, वो हम क्यों नहीं रख सकते हैं. हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री इस देश को बेचेने का काम कर रहे हैं. इसीलिए विपक्ष हाउस के अंदर न तो किसानों की बात कर सकता है, न पेगासस की बात कर सकता है और न ही बेरोजगारी की बात कर सकता है."
ADVERTISEMENTREMOVE AD

राहुल गांधी के अलावा शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि, सरकार ने राज्यसभा में मार्शल लॉ लगाया था. उन्होंने कहा कि, विपक्ष को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया, इसके बाद जो कुछ भी हुआ, उससे ऐसा लगा कि हम पाकिस्तान की सीमा पर खड़े हैं. तमाम विपक्ष सासंदों ने गुरुवार 12 अगस्त को राज्यसभा में हुई घटना को लेकर विरोध जताया और विजय चौक तक पैदल मार्च किया.

सरकार ने जारी किया वीडियो, 7 मंत्री भी आए सामने

लेकिन अब सरकार की तरफ से इसका जवाब देने के लिए सबसे पहले राज्यसभा का एक वीडियो जारी किया गया. इस वीडियो में विपक्षी सांसद मार्शलों के साथ उलझते हुए दिख रहे हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि कई मार्शल आगे खड़े हैं, जिनके साथ विपक्षी सांसदों की धक्का-मुक्की हो रही है. इस दौरान कुछ महिला सांसद भी महिला मार्शलों के साथ भिड़ती हुई नजर आ रही हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

इस वीडियो को जारी करने के बाद तमाम सरकार समर्थक लोगों और मंत्रियों ने इसे ट्विटर पर शेयर किया. इसे लेकर विपक्ष पर निशाना साधा गया और बताया गया कि कैसे विपक्षी नेताओं ने सदन में हंगामा खड़ा कर दिया. इसके अलावा विपक्ष के आरोपों को काउंटर करने के लिए 7 केंद्रीय मंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस करने पहुंच गए. जिनमें संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, पीयूष गोयल, अनुराग ठाकुर, मुख्तार अब्बास नकवी, अर्जुन मेघवाल, वी मुरलीधरन, भूपेंद्र यादव और धर्मेंद्र प्रधान शामिल थे.

इस दौरान केंद्रीय मंत्रियों ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वो पहले से ही ये तय कर चुका था कि संसद सत्र को नहीं चलने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि कृषि कानून से लेकर बाकी तमाम मुद्दों पर सरकार बातचीत के लिए तैयार थी, लेकिन विपक्ष पेगासस पर हंगामा करता रहा. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी सांसद शीशा तोड़कर सदन में आना चाहते थे, जिस दौरान मार्शलों को चोट भी आईं.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

कुल मिलाकर इस पूरे सत्र का हासिल सिर्फ हंगामा ही रहा है. पेगासस जासूसी मामले को लेकर कुछ दिनों तक खूब चर्चा हुई, लेकिन देखते ही देखते अब ये मुद्दा हंगामे में तब्दील हो गया. अब सिर्फ हंगामे का जिक्र है. अब देखना ये होगा कि विपक्ष हंगामे की चर्चा को छोड़कर जिन मुद्दों पर ये हंगामा हुआ उन्हें लेकर फिर कब और कैसे आवाज उठाता है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×