संसद की सुरक्षा में बुधवार, 13 दिसंबर को सेंध लग गयी जब लोकसभा के अंदर 2 युवक कूद गए और कलर स्मोक का इस्तेमाल किया. साथ ही उन्होंने नारेबाजी भी की. इसके बाद से विपक्षी नेता बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा (BJP MP Pratap Simha) पर निशाना साध रहे हैं. कथित तौर पर संदिग्धों में से कम से कम एक को प्रताप सिम्हा के कोटे से विजिटर पास जारी किया था.
बीएसपी के निलंबित सांसद कुंवर दानिश अली ने संसद पास की तस्वीरें पोस्ट कीं जो कथित तौर पर आरोपी युवकों में से एक की हैं. सागर शर्मा नाम के व्यक्ति के नाम पर यह पास कर्नाटक के मैसूर से बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा द्वारा जारी किया गया है.
दानिश अली ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "21 साल पहले उसी दिन (13 दिसंबर) संसद पर हमले की भयावह याद दिलाते हुए, एक व्यक्ति दर्शक दीर्घा से लोकसभा सांसदों के क्षेत्र में कूद गया. उल्लंघन से सांसदों की जान खतरे में पड़ सकती थी. इसने 56 इंच के कवच में हुई गड़बड़ी को उजागर कर दिया है वह व्यक्ति बीजेपी एमपी का मेहमान था."
अपने पोस्ट में दानिश अली ने आरोपी के आधार कार्ड और जूते की तस्वीरें भी डालीं.
अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस ने सिम्हा को संसद से निष्कासित करने की मांग की है.
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने "घुसपैठियों के निमंत्रण पर हस्ताक्षर करने वाले सांसद" के खिलाफ जांच की मांग की है."
चड्ढा ने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया से बात करते हुए पूछा, "किस सांसद ने समर्थन किया और अपने हस्ताक्षर दिए और इस व्यक्ति को लोकसभा के अंदर जाने दिया? क्या सांसद के खिलाफ जांच होगी? क्या एफआईआर दर्ज की जाएगी? क्या सांसद को गिरफ्तार किया जाएगा? क्या इस सांसद की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी जाएगी? यह एक महत्वपूर्ण मामला है. क्या इस सांसद को संसद के अंदर घुसपैठ के बारे में जानकारी थी?"
सिम्हा ने अभी तक विपक्ष के आरोपों का जवाब नहीं दिया है.
संसद के सुरक्षा प्रोटोकॉल के मुताबिक सांसद द्वारा जारी पास हासिल करने के बाद ही आगंतुक संसद में आ सकते हैं.
कौन हैं प्रताप सिम्हा?
47 वर्षीय सिम्हा लोकसभा में मैसूर-कोडगु निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. वह 2014 और 2019 में सीट जीतकर दो बार के सांसद हैं. उन्हें कट्टर हिंदुत्व समर्थक विचारों का समर्थन करने के लिए जाना जाता है.
उन्होंने एक पत्रकार के रूप में अपना करियर शुरू किया और विजया कर्नाटक के लिए काम किया. वह कट्टर हिंदुत्व विचारों का समर्थन करने वाले और इसकी आलोचना करने वालों पर हमला करने वाले कॉलम लिखते थे.
उन्होंने 2008 में नरेंद्र मोदी पर एक किताब लिखी थी, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे. इसने उन्हें कर्नाटक में पीएम मोदी के शुरुआती समर्थकों में से एक बना दिया था.
सिम्हा को विवादास्पद बयान देने के लिए जाना जाता है - जैसे टीपू सुल्तान की जयंती के जश्न में भाग लेने के लिए कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया पर "जिहादी समर्थक" होने का आरोप लगाना. उन्होंने एबीवीपी की आलोचना करने के लिए पत्रकार गुरमेहर कौर, जो उस समय दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा थीं, पर भी निशाना साधा था. उन्होंने उनकी तुलना दाऊद इब्राहिम से की थी.
एक्टर प्रकाश राज के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के बाद, सिम्हा को एक्टर द्वारा कानूनी नोटिस भेजा गया और उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी.
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