संसद का विशेष सत्र (Parliament Special Session 2023) 18 सितंबर से शुरू होने जा रही है. इससे पहले बुधवार, 6 सितंबर कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने उन मुद्दों का जिक्र किया है, जिसे विपक्ष सदन में उठाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने बिना किसी पार्टी से चर्चा के विशेष सत्र बुलाया है.
सोनिया गांधी ने अपने पत्र में क्या कहा?
कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को लिखे अपने पत्र में कहा है कि, "मैं बताना चाहती हूं कि यह विशेष सत्र अन्य राजनीतिक पार्टियों से बिना किसी चर्चा के बुलाया गया है. हममें से किसी को भी इसके एजेंडे की जानकारी नहीं है. हमें बस इतना बताया गया है कि सभी पांच दिन सरकारी कामकाज के लिए आवंटित कर दिए गए हैं."
"हम निश्चित रूप से विशेष सत्र में भाग लेना चाहते हैं क्योंकि इससे हमें सार्वजनिक चिंताओं और महत्व के मामलों को उठाने का अवसर मिलेगा."
ये 9 मुद्दे उठाएगा विपक्ष
सोनिया गांधी ने अपने पत्र में 9 मुद्दों का भी जिक्र किया है जिसे विपक्ष संसद के विशेष सत्र के दौरान उठाएगा. ये 9 मुद्दे इस प्रकार हैं:
वर्तमान आर्थिक स्थिति, बढ़ती कीमतें, बेरोजगारी और MSME
MSP और किसानों से जुड़े अन्य मुद्दे
अडानी मामले में जेपीसी की मांग
मणिपुर में हिंसा के बाद क्या हालात हैं और सरकार स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए क्या कर रही है
हरियाणा सहित अन्य राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा
चीन द्वारा लद्दाख और अरुणाचल में भारत की धरती पर लगातार कब्जा
देश में जातिगत जनगणना की तत्काल जरुरत
केंद्र और राज्यों के संबंधों को रहा नुकसान
प्राकृतिक आपदाओं जैसे अत्यधिक बाढ़ और सूखे प्रभावित राज्य
'INDIA गठबंधन नहीं करेगा संसद के विशेष सत्र का बहिष्कार'
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हमने तय किया है कि हम संसद के विशेष सत्र का बहिष्कार नहीं करेंगे. यह हमारे लिए जनता के मुद्दों को सामने रखने का मौका है और हर पार्टी अलग-अलग मुद्दों को सामने रखने की पूरी कोशिश करेगी.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी जी ने PM मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि यह सत्र बिना किसी वार्ता के मनमाने ढंग से बुलाया गया है. विशेष सत्र से पहले पार्टियों से बात कर एक कार्य सूची तैयार की जाती है, लेकिन इसकी जानकारी हमारे पास नहीं है. बुलेटिन के विशेष सत्र में पांचों दिन सरकारी बिजनेस की बात लिखी गई है, जो नामुमकिन है. हमने ठाना है कि जो मुद्दे हम पिछली बार नहीं उठा पाए थे, इस बार उठाएंगे.
INDIA गठबंधन की बैठक में बनी रणनीति
बता दें कि मंगलवार शाम को INDIA गठबंधन में शामिल लोकसभा और राज्यसभा सांसदों की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर पर मीटिंग हुई. बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा, "मोदी सरकार पहली बार बिना एजेंडा बताए संसद का विशेष सत्र बुला रही है. किसी भी विपक्षी दल से न तो सलाह ली गई और न ही जानकारी दी गई." इसके साथ ही उन्होंने कहा,
"यह लोकतंत्र चलाने का तरीका नहीं है. हर दिन, मोदी सरकार एक संभावित एजेंडा की कहानी मीडिया में पेश करती है, जिससे लोगों पर बोझ डालने वाले मुद्दों से ध्यान भटकाने का एक बहाना तैयार होता है. बीजेपी महंगाई, बेरोजगारी, मणिपुर, चीन के अतिक्रमण, CAG रिपोर्ट, घोटाले जैसे मुद्दों से ध्यान हटाकर लोगों को धोखा देना चाहती है."
फ्लोर लीडर्स की बैठक में 'भारत' नाम जारी विवाद पर भी चर्चा हुई. दरअसल, G20 निमंत्रण पत्र पर द्रौपदी मुर्मू को 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' की जगह 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' लिखा गया है. जिसका विपक्षी दलों ने विरोध किया है. बैठक में मैजूद एक नेता ने कहा,
“INDIA गठबंधन की सभी पार्टियां इंडिया को संविधान से हटाने के किसी भी कदम का विरोध करेंगी. कुछ छोटे दलों ने संकेत दिया कि INDIA गठबंधन को विशेष सत्र का बहिष्कार करना चाहिए. लेकिन बड़ी पार्टियों ने उन सुझावों को खारिज कर दिया और सकारात्मक एजेंडे के साथ विशेष सत्र में आने का फैसला किया."
बैठक के बाद लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि, “इस मीटिंग में सबकी यह राय थी कि संसद का विशेष सत्र क्यों बुलाया जा रहा है इसका स्पष्टीकरण सरकार ने अब तक नहीं दिया. हमारी मांग है कि बीजेपी पारदर्शिता दिखाए और देश को अवगत कराए कि इस विशेष सत्र का एजेंडा क्या है? हम देश के हित में, वर्तमान की मूल समस्याओं के हल के लिए एक सकारात्मक सत्र चाहते हैं.''
सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस संसदीय दल की बैठक
इससे पहले सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस संसदीय दल की बैठक हुई. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, "जब कभी विशेष सत्र बुलाया जाता है तो इसके विषय की जानकारी सभी पार्टियों को दी जाती है. एक एजेंडा तय किया जाता है. लेकिन हमने पहली बार देखा है कि पार्टियों से विचार-विमर्श के बिना अचानक सत्र बुलाया गया है. यह सत्र केवल लोगों का ध्यान भटकाने के लिए बुलाया गया है. INDIA पार्टी इस सत्र में भाग लेगी, लेकिन हम चाहते हैं कि इसमें जनता के मुद्दों पर बात हो."
18 सितंबर से संसद का विशेष सत्र
बता दें कि 18 सितंबर से संसद का विशेष सत्र शुरू होने जा रहा है. हालांकि, इसका एजेंडा क्या होगा ये अभी तक साफ नहीं हो पाया है. लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय ने शनिवार को कहा कि संसद के दोनों सदनों का सत्र 18-22 सितंबर तक प्रश्नकाल या निजी सदस्यों के कामकाज के बिना आयोजित किया जाएगा.
सचिवालय ने कहा कि सत्र में पांच बैठकें होंगी और सदस्यों को प्रोविजनल कैलेंडर के बारे में अलग से सूचित किया जाएगा. लोकसभा सचिवालय ने शनिवार को एक बुलेटिन में कहा, "सदस्यों को सूचित किया जाता है कि सत्रहवीं लोकसभा का 13वां सत्र सोमवार, 18 सितंबर, 2023 को शुरू होगा."
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