महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव के नतीजों के ठीक बाद संसद सत्र शुरू होने जा रहा है. संसद का शीतकालीन सत्र 18 नवंबर से 13 दिसंबर के बीच होगा. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक हुई थी, जिसमें संसद के शीतकालीन सत्र की तारीख और रणनीति पर चर्चा की गई.
अब सरकार की तरफ से इस तारीख की आधिकारिक घोषणा कर दी गई है. कैबिनेट कमेटी की बैठक में इस तारीख को लेकर चर्चा हुई थी. जिसके बाद 18 से 13 दिसंबर तक शीतकालीन सत्र चलाए जाने का फैसला लिया गया.
कश्मीर मुद्दा रहेगा गरम
संसद के शीतकालीन सत्र में कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती है. जिसमें एक बार फिर कश्मीर सबसे बड़ा मुद्दा हो सकता है. कश्मीर में दो महीने से ज्यादा समय से कई तरह की पाबंदियां अब भी लागू हैं. विपक्ष का आरोप है कि कश्मीर को किसी जेल की तरह बना दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट में भी मामला चल रहा है. ऐसे में संसद के शीतकालीन सत्र में इस मुद्दे पर काफी बवाल हो सकता है.
कश्मीर के अलावा मोटर व्हीकल अमेंडमेंट एक्ट पर भी संसद के इस सत्र में बातचीत हो सकती है. इस एक्ट पर कई राज्य सरकारों को आपत्ति है. ट्रैफिक चालान के भारी जुर्मानों को लेकर कई बीजेपी शासित राज्यों ने भी इस एक्ट में कटौती की है. ऐसे में संसद सत्र के दौरान इस एक्ट के प्रावधानों में बदलाव की मांग हो सकती है.
इससे पहले संसद के पहले सत्र में केंद्र सरकार ने कई बड़े फैसले लिए. जिसमें आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने का फैसला भी शामिल है. संसद के पहले ही सत्र में केंद्र सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट, तीन तलाक बिल, आर्टिकल 370 जैसे कई बिल पेश किए. सदन में बहुमत होने के चलते इन्हें पास कराने में भी ज्यादा तकलीफ नहीं हुई.
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