केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल समेत बीजेपी के कई नेताओं ने सोमवार को चुनाव आयोग से मुलाकात की और पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित संसदीय क्षेत्रों में दोबारा वोटिंग कराने की मांग की. इसके साथ ही उन्होंने राज्य में आचार संहिता के हटने तक केंद्रीय बलों की तैनाती का भी अनुरोध किया. इस दौरान उनके साथ रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और बीजेपी के कई सीनियर नेता मौजूद रहे.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिलने के बाद कहा, "हमने चुनाव आयोग को अपने कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा की विस्तार से जानकारी दी. हमने विशेष रूप से पश्चिम बंगाल के उन निर्वाचन क्षेत्रों में फिर से वोटिंग की हमारी मांग को दोहराया जहां सातवें और इससे पहले के चरणों में हिंसा हुई है."
'रिजल्ट आने के बाद भी हिंसा हो सकती है'
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बीजेपी उम्मीदवारों, पोल एजेंटों और पार्टी के प्रति सहानुभूति रखने वालों को धमकी देने का आरोप लगाते हुए उन्होंने चुनाव आयोग से मामले पर संज्ञान लेने का आग्रह किया.
हमने लोकसभा चुनावों के आखिरी चरण में हिंसा की घटनाएं देखी. वहां फिर से एक बार रिजल्ट के आने के बाद भी हिंसा हो सकती है.पीयूष गोयल, नेता, बीजेपी
उन्होंने आगे कहा, "इसलिए, हमने आयोग से ईमानदारी से वोटों की गिनती के लिए गिनती के अंत तक स्ट्रांगरूम में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों को तैनात करने का अनुरोध किया है." उन्होंने कहा कि राज्य में आचार संहिता के लागू रहने तक केंद्रीय बलों को वहां तैनात रहना चाहिए.
बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने ओडिशा, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी वोटों की गिनती की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए आयोग से अपील की.
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