पीएम मोदी ने सोशल मीडिया छोड़ने को लेकर लगाए जाने वाले सभी कयासों पर विराम लगा दिया है. पीएम ने साफ किया है कि वो महिला दिवस के मौके पर सोशल मीडिया से दूर रहेंगे. उन्होंने कहा कि इस रविवार को "मैं उन महिलाओं के लिए जिनकी जिंदगी और काम हमें प्रेरणा देती है, अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स से दूर रहूंगा." हालांकि उस दिन उनके अकाउंट्स पर महिलाओं की कहानियां दिखाई देंगी. जो वो खुद एक हैशटैग इस्तेमाल कर शेयर करेंगी.
सोशल मीडिया छोड़ने को लेकर था सस्पेंस
पीएम मोदी ने 2 मार्च को लिखा था वो आने वाले रविवार को ऐलान कि वो फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब समर्पित कर देंगे. अब पीएम मोदी ने उस ट्वीट का राज खोल दिया है. पीएम मोदी ने 3 मार्च को ट्वीट कर लिखा है कि-
“इस महिला दिवस वो अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स उन महिलाओं के नाम कर देंगे जिनकी जिंदगी और काम प्रेरणा देता है. ये कदम उनको मदद करेगा कि वो करोड़ों लोगों को प्रोत्साहित कर सकें.”पीएम नरेंद्र मोदी
महिलाओं को ऐसे मिलेगा PM के सोशल मीडिया पर आने का मौका
पीएम मोदी अब से रविवार तक #SheInspireUs नाम से अभियान चलाएंगे. इसमें महिलाओं को नरेंद्र मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट हैंडल करने का मौका मिलेगा. पोस्टर में इस अभियान से जुड़ने के बारे में भी बताया गया है.
- अगर आप महिला हैं और जिसकी जिंदगी और काम दुनिया को प्रभावित करता है.
- क्या आप किसी ऐसी महिला को जानते हैं जिन्होंने अपना एक अलग मुकाम बनाया हो.
- #SheInspireUs का इस्तेमाल करके इसके बारे में ट्वीट और पोस्ट करें. आप अपना वीडियो भी शूट करके यूट्यूब पर अपलोट कर सकते हैं. साथ में #SheInspireUs का इस्तेमाल करें.
- जिन एंट्रीज को चुना जाएगा उनको पीएम मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट टेकओवर करने का मौका मिलेगा. जिससे वो अपने विचार और आइडियाज दुनिया के साथ शेयर कर सकें.
विपक्षी नेताओं ने बोला था हमला
बता दें कि पीएम मोदी के सोशल मीडिया छोड़ने वाले ट्वीट के कई मायने निकाले जा रहे थे. ये माना जा रहा था कि देशभर में हिंसा और सोशल मीडिया पर फैलती नफरत को देखते हुए पीएम मोदी हमेशा के लिए सोशल मीडिया छोड़ने जा रहे हैं. विपक्षी नेताओं ने भी उनके इस ट्वीट पर जमकर हमला बोला. राहुल गांधी ने पीएम मोदी के ट्वीट पर लिखा था कि "नफरत छोड़िए, सोशल मीडिया नहीं".
वहीं समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने पीएम मोदी को एक साथ कई नसीहत दे डाली. उन्होंने ट्विटर पर लिखा था, “सामाजिक संवाद के रास्ते बंद करने की सोचना अच्छी नहीं है बात... छोड़ने के लिए और भी बहुत कुछ सार्थक है साहब... जैसे सत्ता का मोह-लगाव, विद्वेष की राजनीति का ख़्याल, मन-मर्ज़ी की बात, चुनिंदा मीडिया से करवाना मनचाहे सवाल और विश्व विहार... कृपया इन विचारणीय बिंदुओं पर भी करें विचार!”
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