बजट पेश होने से ठीक पहले पीएम मोदी शनिवार को आर्थिक विशेषज्ञों और बड़े अर्थशास्त्रियों से बातचीत करेंगे. अर्थव्यवस्था पर चर्चा के लिए ये बैठक बुलाई गई है. बताया जा रहा है कि इस बैठक को नीति आयोग ने बुलाया है. बैठक में नीति आयोग के बड़े अधिकारियों के अलावा मोदी सरकार के कई मंत्री भी शामिल हो सकते हैं.
हाल ही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) बढ़ने को लेकर आंकड़े जारी हुए थे. जिसके मोदी सरकार की यह बैठक बुलाई गई है. बताया जा रहा है कि बैठक में जीडीपी ग्रोथ और अर्थव्यवस्था में सुधार को लेकर सुझाव मांगे जाएंगे और कई मुद्दों पर चर्चा होगी.
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक 2018-19 की चौथी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर में काफी गिरावट देखी गई. यह आर्थिक वृद्धि दर पिछले पांच साल के न्यूनतम स्तर तक पहुंच गई. साथ ही जारी हुए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बेरोजगारी भी चरम पर है. बेरोजगारी दर पिछले 45 साल में सबसे ऊपर पहुंच चुकी है.
अर्थव्यवस्था के लिए बनाई गई कमेटी
इससे पहले पीएम मोदी ने सरकार बनने के तुरंत बाद कुछ जरूरी कमेटियों का गठन किया. इसमें अर्थव्यवस्था में सुधार और उस पर काम करने के लिए भी कमेटी बनाई गई. पीएम मोदी की अध्यक्षता में चार सदस्यों वाली 'कैबिनेट कमेटी ऑन इन्वेस्टमेंट एंड ग्रोथ' बनाई गई है. यह कमिटी बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था से निपटने के लिए अलग-अलग विकल्पों पर विचार करेगी. पीएम मोदी ने अलग-अलग मुद्दों के लिए कुल 8 कमेटियों का गठन किया है. इन कमेटियों में मोदी सरकार के टॉप कैबिनेट मिनिस्टर शामिल हैं.
राष्ट्रपति ने बताया था एजेंडा
संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा था कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के संदर्भ में देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है . उन्होंने कहा था कि हमारा लक्ष्य 2024 तक भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का है. उच्च आर्थिक वृद्धि दर को बनाये रखने के लिये सुधार प्रक्रिया जारी रहेगी.
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पहली बार 5 जुलाई को बजट पेश करेंगी. इस बैठक में बजट पर भी चर्चा मुमकिन है. नई मोदी सरकार के बजट में अर्थव्यवस्था को लेकर कई बड़े ऐलान होने की उम्मीद है. बजट में जीएसटी की दरों को लेकर भी बदलाव हो सकते हैं.
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