देश में बढ़ती बेरोजगारी और कमजोर पड़ती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मोदी सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. मोदी सरकार ने इन दो बड़े मुद्दों के लिए कैबिनेट कमेटियों का गठन किया है. पीएम मोदी की अध्यक्षता में चार सदस्यों वाली 'कैबिनेट कमेटी ऑन इन्वेस्टमेंट एंड ग्रोथ' बनाई गई है. यह कमिटी बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था से निपटने के लिए अलग-अलग विकल्पों पर विचार करेगी. अलग-अलग मुद्दों के लिए सरकार ने कुल 8 कैबिनेट कमेटियों का गठन किया है.
ये कैबिनेट मंत्री होंगे शामिल
मोदी सरकार की इस स्पेशल कमेटी में चार बड़े मंत्रियों को शामिल किया गया है. इस कमेटी में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और रेल मंत्री पीयूष गोयल शामिल हैं. इसके अलावा रोजगार और कौशल विकास पर बनी मंत्रिमंडल कमेटी में अमित शाह, सीतारमण और गोयल के अलावा कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, कौशल विकास मंत्री एमएन पांडे, श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार और आवासीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी शामिल होंगे.
मोदी सरकार के पिछले पांच सालों के दौरान रोजगार सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरा. लोकसभा चुनावों में भी विपक्ष ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था. हाल ही में जारी रिपोर्ट के मुताबिक रोजगार की हालत बेहद खराब है, वहीं अर्थव्यवस्था भी सुस्त पड़ती दिख रही है
बनाई गईं ये 8 कमेटियां
- अप्वाइंटमेंट कमेटी ऑफ द कैबिनेट
- कैबिनेट कमेटी ऑन अकोमडेशन
- कैबिनेट कमेटी ऑन इकनॉमिक अफेयर्स
- कैबिनेट कमेटी ऑन पार्लियामेंट अफेयर्स
- कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स
- कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी
- कैबिनेट कमेटी ऑन इनवेस्टमेंट एण्ड ग्रोथ
- कैबिनेट कमेटी ऑन इम्पलॉयमेंट एण्ड स्किल डेवलेपमेंट
पहली बार एक्शन प्लान
बताया जा रहा है कि इससे पहले मोदी सरकार ने इस तरह की कोई भी कमेटी नहीं बनाई थी. लेकिन अब एक्शन प्लान की तैयारी है. अब आने वाले समय में मोदी सरकार विपक्ष को हमले का कोई भी मौका नहीं देना चाहती है. वहीं रोजगार पर लगातार उठते सवालों का जवाब देना भी सरकार को भारी पड़ सकता है. अब आने वाले समय में बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए बड़े बदलाव नजर आ सकते हैं.
केंद्रीय कैबिनेट की तरफ से इन कमेटियों को मंजूरी मिल चुकी है. जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इसकी सिफारिश भेजी जा चुकी है. बताया जा रहा है कि मोदी सरकार ने अब आर्थिक सर्वेक्षण करने की तैयारी भी कर ली है. जून के आखिरी हफ्ते से यह सर्वेक्षण शुरू हो सकता है. इसके तहत छोटे कारोबारियों और रेहड़ी-पटरी वालों के आर्थिक विकास पर काम होगा.
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