कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने बुधवार को केंद्र की मोदी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि यह समय है कि प्रधानमंत्री को वास्तविकता जानना चाहिए और नौकरशाहों द्वारा बताए गए शौचालयों, आवास और शौच मुक्त जगहों के आंकड़े नहीं दोहराए. पूर्व वित्त मंत्री ने गुजरात के सूरत में एक ट्रक द्वारा 15 प्रवासी मजदूरों को कुचले जाने के संदर्भ में यह टिप्पणी की. चिदंबरम ने एक बयान में कहा, "गुजरात में 15 प्रवासी निर्माण श्रमिकों का मारा जाना भारत में गरीबों की वास्तविकता की दिशा में आंखे खोलने वाला है."
'मजदूर सड़क के किनारे क्यों सो रहे थे? '
सरकार पर आरोप लगाते हुए, पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने पूछा कि, "मजदूर सड़क के किनारे क्यों सो रहे थे? क्या ठेकेदार उन्हें निर्माण स्थल के पास आश्रय देने के लिए बाध्य नहीं है? वे अपने बच्चों को कहां रखते हैं, कहां नहलाते हैं, खाते हैं? खुले में सड़क के किनारे?"
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री को वास्तविकता के प्रति आंखे खोलनी चाहिए और नौकरशाहों द्वारा दिए गए शौचालय, आवास और ओडीएफ के 'आंकड़े' को नहीं दोहराना चाहिए."
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