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PM मोदी- मैंने 1987 में चलाए ईमेल-डिजिटल कैमरा, लोग बोले-झूठ है जी

पीएम मोदी ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में दिया बयान

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बादलों और रडार में कनेक्शन वाले बयान के बाद अब पीएम मोदी का एक और बयान चर्चा में है. पीएम मोदी के इंटरव्यू का एक हिस्सा फिर वायरल हो रहा है. जिसमें पीएम मोदी कह रहे हैं कि उन्होंने 1987-88 में डिजिटल कैमरे और ई-मेल का इस्तेमाल किया था. पीएम ने उसी चैनल को दिए इंटरव्यू में यह बयान दिया है, जिसमें उन्होंने रडार से बचने के लिए बादलों की बात कही थी.

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क्या था पीएम मोदी का बयान?

देश में मैंने पहली बार डिजिटल कैमरे का इस्तेमाल किया था, शायद 1987-88 में. उस समय काफी कम लोगों का ई-मेल रहता था. मेरे यहां वीरमगाम तहसील में आडवाणी जी की सभा थी. मैंने तब डिजिटल कैमरा में उनकी फोटो ली, तब मेरे पास डिजिटल कैमरा था. मैंने दिल्ली को फोटो ट्रांसमिट की, जिसके बाद उनकी कलर फोटो छपी. आडवाणी जी को बड़ा सरप्राइज हुआ कि दिल्ली में मेरी कलर फोटो आज की आज कैसे छपी?

सोशल मीडिया पर उड़ने लगा मजाक

पीएम मोदी के 1987-88 में डिजिटल कैमरे से फोटो लेने और ई-मेल करने के इस बयान को सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया जा रहा है. ट्विटर पर लोग पीएम मोदी को झूठा करार दे रहे हैं और पूछ रहे हैं कि उन्होंने 1987 में कैसे डिजिटल कैमरे और ई-मेल का इस्तेमाल किया?

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बॉलीवुड से भी आए रिएक्शन

पीएम मोदी के बादलों वाले बयान पर बॉलीवुड से कई लोगों के रिएक्शन आए. जिसके बाद अब डिजिटल कैमरे वाले बयान पर भी रिएक्शन आने शुरू हो चुके हैं. बॉलीवुड एक्टर प्रकाश राज ने पीएम नरेंद्र मोदी के इस इंटरव्यू पर ट्वीट कर चुटकी ली. उन्होंने लिखा, 'हम लोगों को जहां तक जानकारी है ऐसा 1990 के दशक में हुआ था, लेकिन हमारे चौकीदार के पास डिजिटल कैमरा और ईमेल की जानकारी 1980 के दशक में ही आ चुकी थी. जब वो बादलों से घिरे जंगल में महाभारत पढ़ रहे थे. उल्लू बनाने के भी हद होती है...भाई.'

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1988 में कैसे किया ई-मेल?

इकॉनोमिस्ट रूपा सुब्रमण्या ने भी पीएम मोदी के इस बयान पर रिएक्शन दिया. उन्होंने लिखा, 1988 में विकसित पश्चिमी देशों में भी कुछ ही एकेडमिक और वैज्ञानिकों के पास ही ईमेल था, लेकिन पीएम मोदी ने किसी तरह 1988 में ही हिंदुस्तान में ईमेल का यूज कर लिया. जबकि 1995 में देश के सामने ई-मेल को इंट्रोड्यूस किया गया.

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भारत के लिए शर्मनाक

पॉलिटिकल एक्सपर्ट सलमान सोज ने भी पीएम मोदी के इस बयान पर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा, मैं 1993 में अमेरिका गया था. तब एओएल काफी बड़ी इंटरनेट कंपनी थी. इसने 90 के दशक में इंटरनेट उपलब्ध करवाना शुरू किया. हम ई-मेल का इस्तेमाल करने के लिए यूनिवर्सिटी जाते थे. लेकिन 1988? ये भारत के लिए काफी शर्मनाक है.

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ओवैसी बोले- बटुआ नहीं था, पर कैमरा था?

एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी पीएम मोदी के डिजिटल कैमरे वाले बयान पर तंज कसा. उन्होंने लिखा, पीएम मोदी के पास बटुआ नहीं था (क्योंकि पैसे ही नहीं थे) लेकिन 1988 में डिजिटल कैमरा और ई-मेल था? अगर ये शर्मनाक नहीं है तो यह सब वाकई में हंसने लायक है. एक पीएम जो कुछ भी दिमाग में आया और बोल देते हैं, उन पर नेशनल सेक्यॉरिटी के मामले में भरोसा नहीं किया जा सकता है.

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प्रोफेसर और स्कॉलर अशोक स्वान ने भी पीएम मोदी पर उनके बयान को लेकर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि मोदी किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं और उन्हें उचित इलाज की जरूरत है.

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कांग्रेस बोली- दोबारा मत पूछना 60 सालों में क्या किया

कांग्रेस ने भी अपने ट्विटर हैंडल से पीएम मोदी के इंटरव्यू की ये क्लिप शेयर की है. जिसमें उन्होंने लिखा- दोबारा मत पूछना कि कांग्रेस ने 60 सालों में क्या किया!

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कई लोगों ने पीएम मोदी को बताया क्या था सच

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