मोदी सरकार (Modi Government) में हुए बड़े फेरबदल के बाद अब इन 78 मंत्रियों में से 42 फीसदी ऐसे हैं जिन्होंने अपने खिलाफ क्रिमिनल केस (Criminal Case) बताया है. साथ ही करीब 90 फीसदी मंत्री करोड़पति हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की नई रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी गई है.
इनमें से चार मंत्री ऐसे हैं जिनपर हत्या की कोशिश के मामले हैं.
बुधवार को ही प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कैबिनेट में नए मंत्रियों को जगह दी है. इन 43 मंत्रियों में से 15 को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है वहीं 28 को राज्यमंत्री. इससे पहले एक दर्जन मंत्री हटाए भी गए हैं. अब प्रधानमंत्री की मंत्रिपरिषद में सदस्यों की कुल संख्या अब 78 हो गई है.
अब इस विस्तार के बाद ADR ने इन मंत्रियों के एफिडेविट का एनालिसिस किया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, नई कैबिनेट में 33 मंत्री यानी 42 फीसदी ऐसे हैं जिनपर क्रिमिनल केस है. इनमें से 24 मंत्रियों (कुल सदस्यों की संख्या का 31%) ने अपने खिलाफ 'गंभीर' आपराधिक मामले घोषित किए हैं - जिनमें हत्या, हत्या के प्रयास या डकैती के मामले शामिल हैं.
90 फीसदी मंत्री करोड़पति
ADR की इस रिपोर्ट के मुताबिक नई कैबिनेट के करीब 90% सदस्य करोड़पति है. इसका मतलब उन्होंने अपनी संपत्ति की घोषणा 1 करोड़ से ज्यादा की है. इन में चार मंत्रियों की संपत्ति को 'हाई एसेट' की कैटेगरी में रखा गया है. इस कैटेगरी में 50 करोड़ से अधिक संपत्ति वाले मंत्रियों को रखा जाता है. ये मंत्री हैं-
ज्योतिरादित्य सिंधिया- करीब 379 करोड़
पीयूष गोयल- करीब 95 करोड़
नारायण राणे- करीब 87 करोड़
राजीव चंद्रशेखर- करीब 64 करोड़
रिपोर्ट में मंत्रियों की औसतन संपत्ति 16.24 करोड़ रुपए है. सबसे कम संपत्ति घोषित करने वाले कैबिनेट मंत्री त्रिपुरा की प्रतिमा भौमिक हैं जिनके पास करीब 6 लाख की कुल संपत्ति है. इसके बाद पश्चिम बंगाल से जोन बारला (करीब 14 लाख), राजस्थान के कैलाश चौधरी (करीब 24 लाख), ओडिशा के बिश्वेश्वर टुडू (करीब 27 लाख) का नंबर आता है.
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