PM नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने तीनों कृषि कानून वापस लेने का फैसला किया है. पिछले एक साल से जिस कानून को लेकर किसान लगातार आंदोलन कर रहे थे, वो सरकार ने वापस लेने का फैसला किया है. किसानों के साथ विपक्ष भी कृषि कानून को लेकर लगातार सरकार पर हमलावर रहा, मोदी सरकार के फैसले के पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा-
लोकतांत्रिक विरोधों से जो हासिल नहीं किया जा सकता है, वह आसन्न चुनावों के डर से हासिल किया जा सकता है। वैसे भी, यह किसानों और कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ी जीत है जो कृषि कानूनों के विरोध में अडिग थी.
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने भी इसे मोदी सरकार का डर वाला फैसला बताया है.
देश एकजुट हो तो कोई भी निर्णय बदला जा सकता है, सरकारों को कानून बनाने का अधिकार है तो उसे बदलkexने का भी अधिकार है. हार के डर से प्रधानमंत्री ने तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया है. किसान भाइयों को बधाई. उन तमाम शहीद किसानों के प्रति संवेदना देश के किसान महान है, उन्होंने मोदी जी को झुकाया.
कांग्रेस ने भी सरकार के इस फैसले के बाद ट्वीट करते हुए कहा- टूट गया अभिमान, जीत गया मेरे देश का किसान।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने केंद्र सरकार के फैसले पर कहा-
केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को देर से रद्द करने की घोषणा की है. यह फैसला बहुत पहले ले लिया जाना चाहिए था. इसके लिए सभी किसानों को हार्दिक बधाई यदि केंद्र सरकार यह फ़ैसला काफी पहले ले लेती तो देश अनेक प्रकार के झगड़ों से बच जाता.
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्टीट में लिखा है-
आज प्रकाश दिवस के दिन कितनी बड़ी ख़ुशख़बरी मिली. तीनों क़ानून रद्द. 700 से ज्यादा शहीद हो गए, उनकी शहादत अमर रहेगी. आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी कि किस तरह इस देश के किसानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर किसानी और किसानों को बचाया था. मेरे देश के किसानों को मेरा नमन
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने कहा-
विश्व के सबसे लंबे,शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक किसान सत्याग्रह के सफल होने पर बधाई. पूंजीपरस्त सरकार व उसके मंत्रियों ने किसानों को आतंकवादी,खालिस्तानी,आढ़तिए,मुट्ठीभर लोग,देशद्रोही इत्यादि कहकर देश की एकता और सौहार्द को खंड-खंड कर बहुसंख्यक श्रमशील आबादी में एक अविश्वास पैदा किया.
वहीं लालू प्रसाद यादव के बेटे और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा-
राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि सरकार ने अगर ये फैसला लिया है तो इससे संदेश गया है कि आंदोलन सरकार के फैसले बदल देता है
संजय राउत ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर कहा
पंजाब और यूपी के चुनाव में भारी हार के डर से कृषि कानूनों का फैसला लिया है, पहली बार मोदी जी ने लोगों की मन की बात की है. हमारी मानवतावादी सरकार किसानों के बलि चढ़ते हुए देर रही थी. किसानों को आतंकवादी, खलिस्तानी, देशद्रोही, पाकिस्तानी कहने वाले लोग कहां गए? किसानों को गाड़ी के नीचे कुचला गया, लाठियां और गोलियां चलाई, लेकिन किसान डटे रहे. ये उनकी जीत है. आखिर किसान ही देश का अन्नदाता है ये प्रधाममंत्री ने मान लिया. हम इसका स्वागत करते है.
कृषि कानून वापस लेने का ऐलान
पीएम मोदी ने ऐलान करते हुए कहा कि पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है. इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को Repeal करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे.
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