प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल में रैली के दौरान केरल सरकार पर जमकर हमला किया. पीएम ने कहा कि केरल की राजनीति का सालों तक रखा गया सबसे खराब सीक्रेट UDF और LDF का दोस्ताना समझौता था. पहली बार मतदान करने वाला युवा पूछ रहा है कि ये मैच फिक्सिंग क्या है? 5 साल एक लूटता और 5 साल दूसरा लूटता है. लोग देख रहे हैं कि कैसे UDF और LDF लोगों को गुमराह करते हैं.
यहां कई बार लेफ्ट पार्टियां सत्ता में रही, लेकिन उनके नेता अब भी ऐसे पेशे से आते हैं जैसे वो जूनियर लेवल के गुंडे हों, उनकी नजरों के सामने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को मारा और पीटा जाता है, राजनीति में ये अच्छा नहीं है.
पीएम ने कहा- ये साफ है कि UDF और LDF के दो मकसद हैं, वोट बैंक की राजनीतिक को आगे बढ़ाना और जेब भरना. पीएम ने कहा हमारी सरकार कृषि के विकास और किसानों के कल्याण के लिए काम कर रही है. कई सालों तक सरकारों ने एमएसपी बढ़ाने का वादा किया, लेकिन हमारी सरकार को किसानों के लिए एमएसपी बढ़ाने का सम्मान मिला.
पीएम ने आगे कहा कि एनडीए सरकार मेडिकल और तकनीकी शिक्षा स्थानीय भाषा में भी उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है. एनडीए सामाजिक न्याय को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करती रहेगी, हमारा मकसद समावेशी विकास है.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि LDF-UDF के बीच में मैच फिक्सिंग है, पांच साल ये लूटते हैं और अगले पांच साल दूसरे लोग लूटते हैं.
मुकाबले में कौन-कौन है?
केरल की राजनीति लंबे वक्त से कांग्रेस की अगुवाई वाले गठबंधन - यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) - और सीपीएम के नेतृत्व वाले - लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ)- के इर्द-गिर्द ही रही है. इस बार भी चुनावी मुकाबला मुख्य तौर पर इन दोनों के बीच ही है.
इस बार के चुनाव के जरिए बीजेपी भी केरल में अपना कद बढ़ाने की पूरी कोशिश कर रही है. केरल के पिछले विधानसभा चुनाव (2016) में बीजेपी राज्य की कुल 140 में से 98 सीटों पर उतरी थी और उसे महज 1 सीट पर ही जीत मिली थी.
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