मध्य प्रदेश के इंदौर में विधायक आकाश विजयवर्गीय के समर्थकों और नगर निगम के बीच टकराव तेज हो चुका है. हाल ही में विधायक आकाश विजयवर्गीय ने नगर निगम अधिकारी की सरेराह क्रिकेट बल्ले से पिटाई कर दी थी. जिसके बाद विधायक की गिरफ्तारी हुई. लेकिन समर्थकों ने इंदौर के गली-चौराहों पर जेल में बंद विधायक के पोस्टर लगाने शुरू कर दिए. लेकिन अपने अधिकारी की पिटाई करने वाले विधायक के पोस्टर लगे देख नगर निगम भी हरकत में आया और तुरंत उन्हें हटाने का काम शुरू कर दिया.
हीरो की तरह किया गया पेश
अधिकारी की बैट से पिटाई करने वाले और फिलहाल जेल में बंद विधायक को अब हीरो की तरह पेश किया जा रहा है. मध्य प्रदेश के इंदौर में कई जगहों पर विधायक के पोस्टर दिख रहे हैं. बताया जा रहा है कि आकाश विजयवर्गीय के समर्थकों ने ये पोस्टर लगाए हैं. पोस्टर में विधायक विजयवर्गीय की एक बड़ी सी फोटो लगाई गई है, जिसके ठीक नीचे लिखा है- 'सैल्यूट आकाश जी'
बताया जा रहा है कि कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश के समर्थन में 28 जून को इंदौर में बीजेपी कार्यकर्ता प्रदर्शन करेंगे. इस प्रदर्शन में मध्य प्रदेश बीजेपी के बड़े नेता भी शामिल हो सकते हैं. प्रदर्शन से ठीक पहले शहर में आकाश के पोस्टर लगाए गए हैं
बल्ले से की थी अधिकारी की पिटाई
बीजेपी के सीनियर नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने इंदौर में नगर निगम के अधिकारी की क्रिकेट बैट से पिटाई कर दी थी. जिसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया. घटना का वीडियो वायरल होने के कुछ ही देर बाद विधायक को गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के बाद इंदौर कोर्ट ने विधायक आकाश विजयवर्गीय की जमानत याचिका भी खारिज कर दी थी. जिसके बाद उन्हें 11 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल नगर निगम की टीम इंदौर में जर्जर हो चुके मकानों को तोड़ने के लिए पहुंची थी. इसके लिए जेसीबी भी बुलाया गया था. लेकिन तभी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर इसका विरोध करना शुरू कर दिया. बहस के बाद तुरंत आकाश ने अधिकारी पर बैट से हमला बोल दिया. वीडियो में आकाश अधिकारी पर जमकर बैट से हमला करते हुए दिख रहे हैं. जानकारी के मुताबिक वहां मौजूद नगर निगम के अधिकारी ने विधायक से उनके काम में दखल देने से इनकार किया. जिसके बाद ये बहस शुरू हुई. पहले तो विधायक ने अधिकारी पर हमला बोला, लेकिन जब कुछ देर बाद विधायक को अलग किया गया तो उनके समर्थकों ने अधिकारी पर हमला बोल दिया. जिससे अधिकारी को कई चोटें आईं.
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