मोदी सरकार ने अपनी सांसद और मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी प्रज्ञा ठाकुर को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. प्रज्ञा ठाकुर को रक्षा मंत्रालय की एक कमेटी में शामिल किया गया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में बनी इस कमेटी में प्रज्ञा ठाकुर भी सदस्य हैं. इस कमेटी में कुल 21 सदस्यों का नाम शामिल किया गया है. इस पर अब विवाद भी शुरू हो चुका है. विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला है.
कमेटी में ये लोग हैं शामिल
रक्षा मंत्रालय की इस कमेटी में कुल 21 सदस्य हैं, जिनमें प्रज्ञा ठाकुर के अलावा फारुक अब्दुल्ला, ए राजा, सु्प्रिया सुले, जेपी नड्डा, मीनाक्षी लेखी समेत अन्य सांसद शामिल हैं.
बता दें कि प्रज्ञा ठाकुर के कई बयानों से बीजेपी मुश्किलों में पड़ी है. महात्मा गांधी और गोडसे को लेकर दिए गए बयान पर बीजेपी ने प्रज्ञा पर कड़ा एक्शन लेने की बात कही थी. इसके लिए डेडलाइन भी दी गई, लेकिन उसे गुजरे जमाना हो गया. अब सजा के बदले प्रज्ञा को रक्षा मंत्रालय की कमेटी का सदस्य बनाकर इनाम दिया गया है.
कांग्रेस ने कहा- ये सेना का अपमान
प्रज्ञा ठाकुर के रक्षा मंत्रालय की कमेटी में शामिल होने पर कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला है. कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट करते हुए लिखा कि सरकार का ये कदम देश की डिफेंस फोर्स का अपमान है. कांग्रेस ने कहा है कि ये हर भारतीय और संसद के हर सदस्य का अपमान है.
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने भी प्रज्ञा ठाकुर को रक्षा मंत्रालय की कमेटी में शामिल किए जाने पर ट्वीट किया. जिसमें उन्होंने पीएम मोदी के उस बयान की याद दिलाई जिसमें उन्होंने कहा था कि वो गोडसे वाले बयान के लिए प्रज्ञा ठाकुर को माफ नहीं करेंगे. प्रशांत भूषण ने ट्विटर पर लिखा,
“प्रज्ञा ठाकुर को रक्षा मंत्रालय की संसदीय कमेटी में शामिल किया गया है. गोडसे को देशभक्त बताने के बयान के बाद पीएम मोदी ने कहा था कि वो प्रज्ञा ठाकुर को माफ नहीं कर सकते हैं. लेकिन एक आतंकी हमले की आरोपी देश के रक्षा मामलों के फैसले लेने के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार है.”
प्रज्ञा ठाकुर का विवादों से नाता
प्रज्ञा ठाकुर का नाता कई तरह के विवादों से जुड़ा है. प्रज्ञा मालेगांव बम धमाकों में आरोपी हैं. लेकिन बीजेपी ने उन्हें भोपाल लोकसभा सीट से टिकट दिया और उनकी जीत हुई. लेकिन इस दौरान उन्होंने जमकर विवादित बयान दिए. जिसकी वजह से कई बार पार्टी को सफाई भी देनी पड़ी. लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने उन्हें सजा भी दी थी. चुनाव आयोग ने कई दिनों तक प्रज्ञा के प्रचार पर रोक लगा दी थी.
प्रज्ञा ठाकुर फिलहाल जमानत पर बाहर हैं. उन्होंने अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जमानत याचिका दायर की थी. जिसके बाद कोर्ट ने प्रज्ञा की जमानत मंजूर कर दी थी. हालांकि कोर्ट ने उन्हें बम धमाके के मामले में दोषमुक्त नहीं किया था. प्रज्ञा के खिलाफ अभी भी मामला चल रहा है, जिसकी सुनवाई के लिए कोर्ट कई बार उन्हें समन भेजकर बुला चुका है.
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