चुनाव रणनीतिकार के तौर पर पहचाने जाने वाले प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने तमाम सियासी अटकलों के बीच ‘तीसरे मोर्चे’ को लेकर बड़ा बयान दिया है. एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, किशोर ने कहा है, ''मैं नहीं मानता कि कोई तीसरा या चौथा मोर्चा मौजूदा व्यवस्था के लिए सफलतापूर्वक चुनौती बनकर उभर सकता है.''
रिपोर्ट में कहा गया है कि किशोर ने अगले आम चुनाव में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए किसी विपक्षी मोर्चे के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है. किशोर का मानना है कि ‘आजमाया और परखा हुआ’ थर्ड फ्रंट मॉडल पुराने वक्त की बात है, और मौजूदा राजनीतिक गतिशीलता के अनुकूल नहीं है.
बता दें कि किशोर ने सोमवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की थी. बीजेपी का मुकाबला करने के लिए तीसरे मोर्चे के गठन की संभावना के बारे में अटकलों के जोर पकड़ने के बीच इस महीने इन दोनों की यह दूसरी मुलाकात थी.
हालांकि किशोर ने कहा कि इन मुलाकातों के दौरान दोनों के बीच राज्य-दर-राज्य इसकी संभावना तलाशने के लिए चर्चा हुई कि बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में क्या काम करेगा और क्या नहीं, एक संभावित तीसरे मोर्चे का मॉडल, अभी के लिए, उनकी योजना में शामिल नहीं है.
माना जाता है कि किशोर ने हाल ही में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जीत में अहम भूमिका निभाई थी. किशोर ने बाद में कहा कि इस जीत ने सभी विपक्षी दलों को एक संदेश दिया है कि "वे भी बीजेपी के सामने खड़े हो सकते हैं और उसे टक्कर दे सकते हैं."
किशोर 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के प्रचार अभियान का हिस्सा रहे थे. इसके बाद उन्होंने कई गैर-एनडीए दलों के लिए चुनाव रणनीतिकार के तौर पर भी काम किया है.
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