बीजेपी "कई दशकों" तक कहीं नहीं जा रही है और राहुल गांधी के साथ समस्या यह है कि उन्हें इस बात का एहसास नहीं है- यह बात चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने 27 अक्टूबर को गोवा में कही.
सोशल मीडिया पर शेयर किये जा रहे एक Q & A सेशन के एक क्लिप में प्रशांत किशोर कहते सुने जा सकते हैं कि बीजेपी आने वाले कई वर्षों तक भारतीय राजनीति के केंद्र में रहेगी, चाहे वो जीते या हारे. ठीक उसी तरह जैसे आजादी के पहले 40 वर्षों में कांग्रेस थी.
“बीजेपी भारतीय राजनीति का केंद्र बनने जा रही है. चाहे वह जीते, चाहे वो हारे, जैसे कांग्रेस के लिए पहले 40 वर्षों में था. बीजेपी कहीं नहीं जा रही है. एक बार जब आप भारत-स्तर पर 30 प्रतिशत से अधिक वोट प्राप्त कर लेते हैं तो आप जल्दी नहीं जा रहे हैं. तो इस ट्रैप में कभी मत फंसो कि लोग नाराज हो रहे हैं और वे (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी को निकाल देंगे. शायद वे मोदी को फेंक देंगे लेकिन बीजेपी कहीं नहीं जा रही है. वो यहां रहने वाले हैं, उन्हें अगले कई दशकों तक इससे लड़ना है. ये जल्दी में नहीं जा रहा है”प्रशांत किशोर
उन्होंने कहा कि "शायद यहीं समस्या राहुल गांधी के साथ है. उन्हें लगता है कि यह बस समय की बात है कि लोग उन्हें (बीजेपी) बाहर कर देंगे. ऐसा नहीं हो रहा है."
उन्होंने आगे कहा कि "जब तक आप (पीएम मोदी की) ताकत को जांच, समझ और संज्ञान नहीं लेते हैं, तब तक आप उन्हें हराने के लिए एक काउंटर (स्थापित) नहीं कर पाएंगे."
इस क्लिप को ट्वीट करने वालों में बीजेपी प्रवक्ता अजय सहरावत भी शामिल हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि,
"आखिरकार प्रशांत किशोर ने स्वीकार किया कि बीजेपी आने वाले कई दशकों तक भारतीय राजनीति में एक ताकत बनी रहेगी. अमित शाह जी ने बहुत पहले ही यह घोषित कर दिया था."
गांधी परिवार से दूर नजर आ रहे प्रशांत किशोर
बंगाल में ममता बनर्जी और तमिलनाडु में एमके स्टालिन की शानदार जीत के रणनीतिकार प्रशांत किशोर हाल ही में ऐसे संकेत दे रहे हैं जो बताता है कि गांधी परिवार के साथ उनकी बातचीत नहीं हो रही है. वो बीजेपी के खिलाफ चुनौती के रूप में गांधी परिवार के नेत्तृत्व वाली कांग्रेस को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं.
अक्टूबर की शुरुआत में प्रशांत किशोर ने कांग्रेस में "गहरी जड़ें" समस्याओं की ओर इशारा किया था. उन्होंने कहा, "दुर्भाग्य से कांग्रेस की गहरी जड़ें और संरचनात्मक कमजोरी का कोई त्वरित समाधान नहीं है".
बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी की शानदार जीत के बाद कांग्रेस में भूमिका के लिए प्रशांत किशोर की गांधी परिवार के साथ बातचीत की खबरें सामने आई थीं. लेकिन जल्द ही सहमति नहीं बनने की खबरें आने लगीं क्योंकि प्रशांत किशोर पार्टी को पूरी तरह से बदलने के लिए खुली छूट चाहते थे.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)