ADVERTISEMENTREMOVE AD

हिमाचल प्रदेश: सुखविंदर सिंह सुक्खू कौन हैं? कल 11 बजे CM पद की शपथ लेंगे

Congress ने हिमाचल प्रदेश में राज्य की 68 में से 40 सीटों पर जीत हासिल की है.

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की जीत के बाद सीएम पद के नाम का ऐलान हो गया है. छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा, हाईकमान ने सुखविंदर सिंह सुक्खू को कांग्रेस विधायक दल के नेता यानी मुख्यमंत्री (हिमाचल प्रदेश का) के रूप में चयन किया है और उपमुख्यमंत्री के रूप में मुकेश अग्निहोत्री को चयन किया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कॉलेज की राजनीति से प्रदेश के सीएम बनने तक का सफर

नगर निगम शिमला से बतौर पार्षद चुनावी राजनीति की शुरुआत करने वाले सुखविंदर सिंह सुक्खू कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे निकल गए हैं. नादौन से कांग्रेसी विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से स्नातकोत्तर और एलएलबी की पढ़ाई की है.

सुखविंदर सिंह सुक्खू का जन्म 26 मार्च 1964 को पिता का नाम रसील सिंह के घर में हुआ. उनकी पत्नी का नाम कमलेश ठाकुर है और उनकी दो बेटियां हैं.

एनएसयूआई से राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और संजोली कॉलेज में पहले कक्षा के सीआर और एससीए के महासचिव चुने गए. उसके बाद राजकीय महाविद्यालय संजौली में एससीए के अध्यक्ष चुने गए.

1988 से 1995 तक एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष बने. 1995 में युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव बने. 1998 से 2008 तक युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे और इस दौरान दो दफा विधानसभा चुनाव भी लड़ा हालांकि, इससे पहले नगर निगम शिमला के दो बार चुने हुए पार्षद बने. 2003, 2007 और 2017 में नादौन विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने.

प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने नारेबाजी की

प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग लेकर उनके समर्थकों ने शिमला में शक्ति प्रदर्शन किया. 9 दिसंबर को शिमला में उनके समर्थकों ने सीएम पद को लेकर खूब नारेबाजी की, "देश का नेता कैसा हो, रानी साहिबा जैसा हो." वहीं, सुखविंदर सुक्खू के समर्थक भी अपने नेता के लिए धक्का-मुक्की करने के लिए होटल के बाहर जमा हो गए.

16 जून 1956 को हिमाचल के ही शिमला में जन्मीं प्रतिभा सिंह ने चंडीगढ़ के वीमेन कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है. वो नेता के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं.

वीरभद्र सिंह और प्रतिभा सिंह की शादी 28 नवंबर 1985 को हुई थी. दोनों के इकलौते बेटे विक्रमादित्य सिंह भी राजनीति में हैं.

प्रतिभा सिंह पहली बार साल 2004 में मंडी लोकसभा सीट पर चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंची थीं. इस दौरान वो कई कमेटियों की सदस्य रहीं, जैसे सामाजिक न्याय और अधिकारिता कमेटी और पर्यटन मंत्रालय की परामर्श कमेटी. इसके बाद जून 2013 में हुए उपचुनाव में जनता ने उन्हें फिर से लोकसभा पहुंचाया, लेकिन 2014 के आम चुनावों में उन्हें बीजेपी उम्मीदवार रामस्वरूप शर्मा के हाथों हार का सामना करना पड़ा. साल 2021 में जब बीजेपी सांसद रामस्वरूप शर्मा के निधन के बाद सीट पर उपचुनाव हुए, तो वो फिर जीतकर लोकसभा पहुंचीं. प्रतिभा सिंह के समर्थक उन्हें 'रानी साहिबा' कहते हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
6 बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह की पत्नी 2022 के हिमाचल चुनावों में चाणक्य बनकर उभरी हैं.

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के गृहराज्य में प्रतिभा सिंह कांग्रेस को फिर सत्ता में वापस लेकर आईं. दिग्गज नेता वीरभद्र सिंह की गैरमौजूदगी में कांग्रेस का यूं नेतृत्व करना प्रतिभा सिंह के लिए चुनौतीपूर्ण था, लेकिन स्थानीय मुद्दों पर उनकी पकड़ के कारण कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में राज्य की 68 में से 40 सीटों पर जीत हासिल की है. बीजेपी ने 25 सीटें जीतीं और तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×