पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) का नाम राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष प्रस्तावित कर सकता है, यशवंत सिन्हा के एक ट्वीट के बाद इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि उनका नाम राष्ट्रपति पद के तौर पर दिया जा सकता है. राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी दलों की बैठक से पहले, तृणमूल कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने एक ट्वीट में संकेत दिया है-
टीएमसी ने मुझे जो सम्मान और प्रतिष्ठा दी, उसके लिए मैं ममता जी का आभारी हूं. अब एक समय आ गया है जब एक बड़े राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से हटकर अधिक विपक्षी एकता के लिए काम करना होगा .
सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति चुनाव के लिए संभावित विपक्षी उम्मीदवार के रूप में यशवंत सिन्हा के नाम का प्रस्ताव करने के लिए कुछ दलों से प्रस्ताव आए हैं. हालांकि, सब कुछ मंगलवार की बैठक की कार्यवाही पर निर्भर करेगा और बैठक में अन्य दलों द्वारा सुझाए गए नामों पर निर्भर करेगा.
बीजेपी छोड़ टीएमसी में शामिल हुए थे यशवंत सिन्हा
यशवंत सिन्हा अटल सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. पिछले कुछ सालों से लगातार बीजेपी के खिलाफ हमलावर रहे हैं. 2018 में उन्होंने बीजेपी को अलविदा कह दिया था. 2021 में यशवंत सिन्हा ने टीएमसी ज्वाइन की थी और उन्हें राष्ट्रीय उपाध्याक्ष बनाया गया था. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक उन्होंने टीएमसी से इस्तीफा दे दिया है.
शरद पवार, फारूक अब्दुल्ला और गोपाल कृष्ण गांधी ने किया था इनकार
पहले शरद पवार का नाम भी राष्ट्रपति पद के लिए चर्चा में था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. ममता बनर्जी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी के नामों को दो संभावित नामों के रूप में प्रस्तावित किया था. हालांकि, अब्दुल्ला और गोपाल कृष्ण, दोनों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया.
24 जुलाई को खत्म हो रहा राष्ट्रपति कोविंद का कार्यकाल
बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है. 15 जुलाई को अधिसूचना जारी होगी और 29 जून को नामांकन की आखिरी तारीख है. 18 जुलाई को चुनाव होंगे और 21 जुलाई को नए राष्ट्रपति की घोषणा होगी.
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