कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भाजपा नेता हिमंत बिस्वा सरमा पर प्रतिबंध 48 घंटे से घटाकर 24 घंटे करने के लिए शनिवार को चुनाव आयोग पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि आयोग के कदम से पता चलता है कि इसने अपने नियमों की किताब (रूल बुक) से "निष्पक्षता" का पन्ना फाड़ दिया है.
प्रियंका ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल
हिंदी में एक ट्वीट में प्रियंका गांधी ने कहा,
“जब हम ईवीएम मामले को लेकर चुनाव आयोग की ओर से बीजेपी नेता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की प्रतीक्षा कर रहे थे तो इस (आयोग) के एक अन्य कदम से पता चलता है कि इसने अपनी किताब से निष्पक्षता का पन्ना फाड़ दिया है. एक बीजेपी नेता की कार में ईवीएम मिला था. आखिरकार, किस नेता के दबाव में बीजेपी नेता, जिन्होंने एक उम्मीदवार को धमकाया था, के खिलाफ प्रतिबंध को 48 घंटे से घटाकर 24 घंटे कर दिया है?”
चुनाव आयोग ने एक ताजा आदेश में सरमा को राहत देते हुए असम विधानसभा चुनावों में प्रचार करने संबंधी प्रतिबंध को 48 घंटे से कम करके 24 घंटे कर दी. इस आदेश के बाद उनकी टिप्पणी आई है.
चुनाव आयोग ने बीजेपी नेता की सजा को किया कम
चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा, "आयोग ने आपके बिना शर्त माफी और आश्वासन पर विचार करते हुए 2 अप्रैल, 2021 के अपने आदेश को संशोधित करने और चुनाव अभियान से होने वाले प्रसार की अवधि को 48 घंटे से 24 घंटे तक कम करने का फैसला किया है. आपको आयुक्त के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया जाता है."
बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के विपक्षी नेता हगराम मोहिलरी को धमकी देने के आरोपों में 48 घंटे तक चुनाव प्रचार करने से जालौन विधानसभा चुनाव लड़ रहे सरमा को शुक्रवार को चुनाव आयोग ने रोक दिया था.
चुनाव आयोग ने अपने शुक्रवार के आदेश में सरमा को दो अप्रैल से तत्काल प्रभाव से 48 घंटे तक किसी भी सार्वजनिक सभा, रोड शो, मीडिया साक्षात्कार, सार्वजनिक जुलूस और सार्वजनिक रैलियों को संबोधित करने से रोक दिया था.
चुनाव आयोग की कार्रवाई 30 मार्च को कांग्रेस द्वारा दायर की गई शिकायत के मद्देनजर हुई, जिसमें आरोप लगाया गया कि सरमा ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का दुरुपयोग करके मोहिलरी को जेल भेजने की धमकी दी थी.
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