बिहार के मुजफ्फरपुर में इंसेफेलाइटिस से बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार हालात बिगड़ते जा रहे हैं. ऐसे में केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक के हाथ-पांव फूलने लगे हैं. बच्चों की मौत का आंकड़ा 100 के पार पहुंचने के बाद राज्य के सीएम नीतीश कुमार मौके पर पहुंचे, लेकिन उन्हें यहां लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा. नीतीश के हॉस्पिटल पहुंचते ही गुस्साए लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी. श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज के बाहर नीतीश कुमार वापस जाओ के नारे गूंजने लगे.
बिहार के मुजफ्फरपुर में इंसेफेलाइटिस बुखार के चलते अभी तक 108 बच्चों की मौत हो चुकी है. अभी भी करीब 200 से ज्यादा बच्चे हॉस्पिटल में भर्ती हैं. कई बच्चों की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है. प्रशासन फिलहाल हर जरूरी व्यवस्था में जुटा है.
अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे सीएम
बिहार के सीएम नीतीश कुमार इस मामले को लेकर डॉक्टरों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ भी बैठक करेंगे. इस पूरे मामले की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई गई है. नीतीश कुमार के दौरे से ठीक पहले श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. नीतीश ने हॉस्पिटल के अंदर जाकर परिजनों से मुलाकात की और उन्हें पूरी मदद का भरोसा दिलाया.
निशाने पर नीतीश सरकार
बच्चों में फैलने वाली इस इंसेफेलाइटिस बीमारी के इतने बड़े स्तर पर फैलने और सरकार की उदासीनता पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. नीतीश कुमार करीब 18 दिन बाद मुजफ्फरपुर पहुंचे. इस पर स्थानीय लोगों के साथ-साथ विपक्ष ने भी बिहार सरकार पर जमकर निशाना साधा. आरजेडी नेता राबड़ी देवी ने ट्वीट करते हुए नीतीश कुमार और पीएम मोदी की आयुष्मान योजना पर सवाल खड़े कर दिए.
उन्होंने लिखा, 'क्या 14 वर्ष से राज कर रहे मुख्यमंत्री की हजारों बच्चों की मौत पर कोई जवाबदेही नहीं? कहां है गरीबों के लिए 5 लाख तक के मुफ्त इलाज की प्रधानमंत्री की आयुष्मान योजना? हम इस नाज़ुक समय में राजनीति नहीं करना चाहते लेकिन गरीब बच्चों का समुचित इलाज करना सरकार का धर्म और दायित्व है'
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