पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने नए नियुक्त हुए राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के प्रति अपने रुख को नर्म किया है. ऐसा लगता है कि पंजाब कांग्रेस का संकट (Punjab Congress Crisis) अब खत्म हो गया है. सिद्धू 23 जुलाई को कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालेंगे. लेकिन उससे पहले सिद्धू और सभी विधायक अमरिंदर सिंह के साथ चाय पर बैठक करेंगे.
सिद्धू ने अमरिंदर को लेटर लिखा था, जिसके बाद अमरिंदर ने सभी विधायकों, सांसदों और पार्टी नेताओं को चाय पर आमंत्रित किया है.
सिद्धू ने सीएम अमरिंदर सिंह को दूसरा खत लिखा था. 56 विधायकों के साइन वाले इस खत में सिद्धू ने अमरिंदर से 23 जुलाई को उनके पद संभालने के दौरान मौजूद रहने की अपील की थी. पंजाब कांग्रेस के नए कार्यकारी अध्यक्ष कुलजीत नागरा ने अमरिंदर से मुलाकात कर ये लेटर सौंपा था.
इसके बाद मुख्यमंत्री ने सभी पार्टी नेताओं को चंडीगढ़ में पंजाब भवन में चाय पर बुलाया. सिद्धू का पद संभालने का कार्यक्रम 23 जुलाई की सुबह 11 बजे है. उससे पहले 10 बजे चाय पर बैठक होगी.
ये पहला मौका होगा जब राज्य की कांग्रेस ईकाई में तनातनी और तनाव बढ़ने के बाद अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंध सिद्धू आमने-सामने मुलाकात करेंगे.
तकरार कैसे खत्म हुई?
ऐसा कहा जा रहा है कि कांग्रेस हाई कमांड सोनिया गांधी के हस्तक्षेप की वजह से सिद्धू और अमरिंदर के बीच तनाव कम हुआ है. ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सोनिया ने सभी सांसदों से साथ काम करने को कहा था. इसके बाद पंजाब के कांग्रेस इंचार्ज हरीश रावत को दोनों नेताओं को साथ लाने का जिम्मा दिया गया.
ANI के मुताबिक, सिद्धू कैंप से परगट सिंह और अमरिंदर की तरफ से ब्रह्म सिंह मोहिंद्रा ने बातचीत करने का काम संभाला.
सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद अमरिंदर सिंह ने कहा था कि वो हाई कमांड के फैसले को स्वीकार करेंगे. हालांकि, सिंह ने मांग रखी थी कि नवजोत सिंह सिद्धू को सार्वजानिक तौर पर माफी मांगनी पड़ेगी.
सिद्धू ने माफी नहीं मांगी है लेकिन मुख्यमंत्री का रुख नर्म पड़ गया है.
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