पंजाब कांग्रेस इकाई में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) और नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) के बीच 'पावर पॉलिटिक्स' की सरगर्मी रविवार, 18 जुलाई को भी तेज रही. जहां सिद्धू पटियाला में कांग्रेस विधायकों एवं अन्य नेताओं के साथ मिलकर अपना खेमा मजबूत करने में जुटे हैं, वहीं कैप्टन दिल्ली में कांग्रेसी सांसदों से मिलकर सिद्धू को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनाये जाने से रोकने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं.
गौरतलब है कि 17 जुलाई से नवजोत सिंह सिद्धू लगभग 1 सप्ताह के लिए मुख्यमंत्री के राजनैतिक गढ़ पटियाला के दौरे पर हैं. 17 जुलाई को सिद्धू का विधायकों के साथ मुलाकातों का दौर जारी रहा. सुबह उन्होंने सबसे पहले पंजाब में पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष सुनील जाखड़ से मुलाकात की. इसके बाद सिद्धू चंडीगढ़ के सेक्टर 39 में कैप्टन समर्थक और अपने समर्थक मंत्रियों से मिलें.
पटियाला से कैप्टन को राजनीतिक संदेश देने की कोशिश?
हालांकि पटियाला सिद्धू का होम टाउन है लेकिन उनका राजनीतिक करियर अमृतसर पर केंद्रित है. पटियाला पूरी तरह से मुख्यमंत्री कैप्टन का गढ़ माना जाता है. यहां से सिद्धू का पंजाब पार्टी अध्यक्ष बनने के लिये मीटिंग पर मीटिंग की कवायद दिखाती है कि सिद्धू कैप्टन को राजनीतिक संदेश देना चाहते हैं.
पटियाला में आठ विधानसभा सीटें हैं जिसमें अभी 7 पर कांग्रेस का कब्जा है जबकि एक सीट अकाली दल के पास है.
बाजवा और सिद्धू की नहीं बनी बात?
पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष बनने की अटकलों के बीच सिद्धू शनिवार, 17 जुलाई को कैप्टन के मुखर आलोचक प्रताप सिंह बाजवा से मिलने उनके आवास पहुंचे थे. हालांकि मीडिया रिपोर्टों की मानें तो इनके बीच बात नहीं बनी है और सिद्धू के खिलाफ कैप्टन और बाजवा एक साथ आ गए हैं.
ANI के हवाले से खबर है कि रविवार,18 जुलाई को ही प्रताप सिंह बाजवा दिल्ली निवास पर पंजाब कांग्रेस सांसदों के साथ मीटिंग करेंगे.
इस बीच पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने सोमवार ,19 जुलाई को सभी विधायकों एवं जिला अध्यक्षों को मीटिंग के लिए बुलावा भेजा है ताकि "कांग्रेस आलाकमान में विश्वास और उनके निर्णय को मानने संबंधी प्रस्ताव" पास किया जा सके.
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