AAP सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने 'हस्ताक्षर मामले' में खुद पर लगे आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी का मूलमंत्र है एक झूठ को हजार बार बोलो और वो सच्चाई में तब्दील हो जाए. इस मंत्र के तहत मेरे साथ फर्जीवाड़ा किया गया. जब भी किसी सदस्य के खिलाफ विशेषाधिकार समिति कोई कार्रवाई शुरू करती है, तो वो शख्स कोई सार्वजनिक बयान नहीं देता लेकिन मुझे आज मजबूरन बोलना पड़ा कि बीजेपी कितना दुष्प्रचार कर रही है. मैं बस सच्चाई आपके सामने रखूंगा. मैं बीजेपी को चुनौती देता हूं कि वो कागज लेकर आए.
"रूलबुक कहती है कि किसी सेलेक्ट कमेटी के गठन के लिए कोई भी सदस्य नाम प्रस्तावित कर सकता है. और जिसका नाम प्रस्तावित किया जाता है रूल की किताब में कहीं नहीं लिखी कि सेलेक्ट कमेटी में किसी का नाम देने के लिए प्रस्तावित मेंबर की सिग्नेचर चाहिए, लेकिन एक झूठ फैलाया गया कि साइन कहां है. ये सिर्फ प्रस्ताव है, किसी को जबरदस्ती नहीं बैठा दिया जाएगा."राघव चड्ढा, AAP सांसद
इससे पहले सांसद राघव चड्ढा ने 9 अगस्त की शाम ट्वीट करते हुए कहा कि AAP के अन्य सभी सांसदों के साथ, मेरे खिलाफ बार-बार लगाए गए झूठे आरोपों और विशेषाधिकार की मांग के मुद्दे 10 अगस्त को सुबह 10 बजे दिल्ली के पार्टी हेडक्वार्टर पर एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करूंगा. उन्होंने कहा कि मैं एक सांसद के रूप में मेरी प्रतिष्ठा को धूमिल करने के बीजेपी के नापाक मंसूबों का पर्दाफाश करूंगा.
आइए आपको बताते हैं कि राघव चड्ढा किस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस संबोधित करने वाले हैं और यह पूरा मामला क्या है.
राघव चड्ढा पर क्या आरोप लगा है?
दिल्ली अध्यादेश विधेयक (Delhi Ordinance Bill) संसद के दोनों सदनों से सोमवार को पास हो गया लेकिन इसके बाद ही इससे जुड़ा एक विवाद सामने आया. संसद के उच्च सदन राज्यसभा के पांच सांसदों ने दावा किया कि राघव चड्ढा ने उनकी सहमति के बिना दिल्ली सेवा विधेयक पर प्रस्तावित चयन समिति में उनके "फर्जी हस्ताक्षर" जोड़े थे. इसके बाद राघव चड्ढा एक बड़े विवाद में फंसते नजर आ रहे हैं. उन पर पांचों राज्यसभा सांसदों ने "फर्जी हस्ताक्षर" कराने का आरोप लगाते हुए विशेषाधिकार हनन की शिकायत की है.
खुद पर लगे आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए चड्ढा ने कहा था कि
"एक विशेषाधिकार समिति को मुझे नोटिस भेजने दीजिए. मैं अपना जवाब समिति को दूंगा. विवादास्पद विधेयक को प्रवर समिति को भेजने के राघव चड्ढा के संशोधन को वॉयस नोट से खारिज कर दिया गया."
विशेषाधिकार समिति के पास भेजी गई शिकायत
राज्यसभा (Rajya Sabha) के सभापति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने बुधवार को चार सांसदों की शिकायतों को विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया, जिन्होंने AAP सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chadha) पर नियम तोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा था कि सहमति के बिना सदन के पैनल के लिए उनका नाम प्रस्तावित किया गया.
राज्यसभा के एक बुलेटिन में कहा गया है कि सभापति जगदीप धनखड़ को सांसद सस्मित पात्रा, एस फांगनोन कोन्याक, एम थंबीदुरई और नरहरि अमीन से शिकायतें मिली हैं. इन शिकायतों में राघव चड्ढा पर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाया गया है. इसमें आरोप लगाया गया है कि नियमों का उल्लंघन करते हुए उनकी सहमति के बिना उनके नाम शामिल किए गए हैं.
राघव चड्ढा पर आरोप लगाने वाले पांच सांसद कौन हैं?
पांच सांसदों ने दावा किया है कि उनका नाम सहमति के बिना प्रस्तावित चयन समिति में लिस्ट किया गया था. इन सांसदों में बीजेपी के एस फांगनोन कोन्याक, नरहरि अमीन और सुधांशु त्रिवेदी, AIADMK के एम थंबीदुरई और बीजेडी के सस्मित पात्रा शामिल हैं.
सोमवार रात को सदन में क्या हुआ था?
राज्यसभा में दिल्ली सर्विस विधेयक पर चर्चा हुई. इसके बाद आम आदमी पार्टी ने इस विधेयक को सिलेक्ट कमिटी को भेजने का प्रस्ताव दिया. वोटिंग से पहले उपसभापति ने उन सदस्यों के नाम पढ़े, जिन्हें प्रस्तावित सिलेक्ट कमिटी में शामिल किया गया था.
उपसभापति द्वारा प्रस्तावित चयन समिति में शामिल किए जाने वाले नामों को पढ़ने के बाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि पांच सदस्यों ने शिकायत की है कि AAP नेता द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में उनके हस्ताक्षर के बिना उनके नाम शामिल किए गए थे. उन्होंने इस मामले की जांच कराने की मांग की. अमित मशाह ने इसे सदन के विशेषाधिकार का उल्लंघन बताते हुए कहा था कि इस मामले को विशेषाधिकार समिति को भेजा जाना चाहिए.
अमित शाह ने उपसभापति से शिकायतकर्ता सदस्यों के बयान दर्ज करने की अपील की थी और कहा था कि ये फर्जीवाडा है. संसद को रिकॉर्ड पर यह लेना चाहिए और जिसने फर्जीवाडा किया है उस पर कार्रवाई करनी चाहिए.
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