कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा दिल्ली होती हुई उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद में दाखिल हुई. यात्रा का रात्रि विश्राम बागपत में होगा जहां पर बुधवार को राहुल गांधी की अगुवाई में यात्रा की दोबारा शुरुआत होगी. कांग्रेस नेताओं के अनुसार उत्तर प्रदेश में या यात्रा गाजियाबाद, बागपत, शामली होते हुए हरियाणा में दाखिल हो जाएगी. इस यात्रा में उत्तर प्रदेश के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, अजय "लल्लू" समेत कई नेता शामिल हुए.
गाजियाबाद में इस यात्रा के दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल रहे जिन्होंने मंच से अपने भाई राहुल गांधी की जमकर तारीफ की और साथ ही साथ विपक्ष पर निशाना भी साधा. प्रियंका गांधी ने कहा,
"सरकार ने हजार करोड़ रुपए खर्चे उनकी छवि को खराब करने के लिए लेकिन यह सच्चाई से पीछे हटे नहीं. इनके खिलाफ एजेंसी या लगाई गई लेकिन यह डरे नहीं योद्धा हैं. अडानी जी और अंबानी जी ने देश के नेता खरीद लिए. देश की PSUs खरीद ली. देश की मीडिया खरीद ली. लेकिन मेरे भाई को नहीं खरीद पाए,"
दिल्ली की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से हो कर गुजारता है लेकिन कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा इस पूरे प्रदेश के सबसे पश्चिमी छोर से होते हुए पड़ोसी राज्य में चली जाएगी. यह यात्रा उत्तर प्रदेश के एक छोर तक ही क्यों सीमित रही इस पर कई तरीके के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन पार्टी की तरफ से आधिकारिक तौर पर कोई बयान नहीं आया है.
चर्चा, पर्चा और खर्चा
दिवंगत समाजवादी पार्टी नेता मुलायम सिंह यादव ने जब एक बार चुनावी दंगल की बात करते हुए चर्चा, खर्चा और पर्चा का मूल मंत्र दिया था. चर्चा यानी विकास कार्यों की चर्चा पर्चा यानी विज्ञापन और खर्चा यानी चुनावी खर्च. विशेषज्ञों की माने तो लगातार हार और आलोचना का शिकार हो रही कांग्रेस के लिए भारत जोड़ो यात्रा एक संजीवनी की तरह साबित हो रही है जहां पर कुछ नहीं तो कांग्रेस पार्टी की चर्चा उस प्रदेश में फिर से शुरू हो गई है जहां पर वह बिल्कुल हाशिए पर थी.
चाहे वह राहुल गांधी की कड़कड़ाती ठंड में टीशर्ट में यात्रा हो या फिर उनके दाढ़ी या यात्रा के दौरान आत्मीय मुलाकातों की तस्वीरें जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं- राजनीतिक तौर पर राहुल गांधी का कांग्रेस को इसका कितना फायदा होगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन एक बात तो तय है इन सब से कांग्रेस की चर्चा जरूर शुरू हो गई है.
उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय लोक दल और बहुजन समाज पार्टी समेत कई राजनीतिक दलों को भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का निमंत्रण मिला था. सभी दलों के मुख्य नेताओं ने इस यात्रा से दूरी बनाए रखी. आने वाले समय में 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान गठबंधन को लेकर भी कयास लगने शुरू हो गए लेकिन अगर राजनीतिक पार्टियों की बात करें तो किसी ने भी खुलकर कोई संकेत नहीं दिए हैं.
यात्रा से यूपी में बड़ी सियासी गर्मी
इस यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं. इसकी शुरुआत हुई समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा मीडिया के दिए गए बयान जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें यात्रा में शामिल होने के लिए कोई निमंत्रण नहीं भेजा गया. उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस और बीजेपी की विचारधारा एक है. यहां बताते चलते हैं कि 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का कांग्रेस से गठबंधन था. चुनाव के बाद एक गठबंधन टिका नहीं और दोनों ही पार्टियों के रास्ते फिर से अलग हो गए थे.
हालांकि 2 जनवरी 2023 को एक ट्वीट में संलग्न एक पत्र के द्वारा अखिलेश यादव ने राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा में आमंत्रण के लिए धन्यवाद दिया. साथ ही साथ उन्होंने इस यात्रा की सफलता पर उनको बधाई भी दी. पार्टी के सूत्रों की माने तो अखिलेश यादव इस यात्रा में शामिल नहीं होंगे. कुछ ऐसा ही हाल दूसरी राजनीतिक दलों का भी है. राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी और बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ट्वीट कर राहुल गांधी को निमंत्रण के लिए धन्यवाद दिया है लेकिन उनके यात्रा में शामिल होने की उम्मीद कम है.
मुख्य विपक्षी दल बीजेपी, कांग्रेस और राहुल गांधी पर लगातार हमले कर रही है. उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने राहुल गांधी को डरा और सहमा हुआ बताया. एक ट्वीट में केशव प्रसाद मौर्य ने कहा. "सच यह है कि राहुल गांधी जी और कांग्रेस अंदर से डरे और सहमें भी हैं,उन्हें चुनाव के पहले ही न तो अपने ऊपर और न ही कांग्रेस पार्टी पर भरोसा है,तभी कहते हैं विपक्षी एकता के बिना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाली भाजपा का मुकाबला नहीं कर सकते!"
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