मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ के एक बयान को लेकर सियासी घमासान जारी है. उपचुनाव के लिए प्रचार के दौरान कमलनाथ ने बीजेपी की महिला नेता के लिए अपमानजक शब्द का इस्तेमाल किया था. जिसके बाद चारों तरफ से उनके इस बयान की आलोचना हुई, यहां तक कि अब खुद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उनके इस बयान पर आपत्ति जताई है. लेकिन कमलनाथ इसके बावजूद माफी मांगने को तैयार नहीं हैं.
राहुल गांधी को गलत समझाया गया- कमलनाथ
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कमलनाथ के बीजेपी नेता इमरती देवी को लेकर दिए गए बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. इसके बाद जब कमलनाथ से इसे लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो माफी क्यों मांगेंगे. कमलनाथ ने कहा,
“ये राहुल गांधी जी की राय है. उनको जो समझाया गया कि किस संदर्भ में मैंने ये कहा था. मैंने तो साफ कर दिया कि मैंने ये किस संदर्भ में कहा था. इसमें और कहने की आवश्यकता नहीं है. मैं क्यों माफी मागूंगा, मैंने कह दिया कि मेरा लक्ष्य नहीं था कि किसी का अपमान हो. अगर कोई अपमानित होने का अहसास करता है तो मुझे खेद है, ये मैंने कल कह दिया है.”
सिर्फ इतना ही नहीं राहुल गांधी के बयान के बावजूद माफी नहीं मांगने की बात पर जब कमलनाथ से पूछा गया कि अगर उनके इस रवैये पर राहुल गांधी नाराज होते हैं तो, उन्होंने जवाब दिया कि, "आपको इसकी क्यों चिंता है."
क्या था कमलनाथ का बयान?
कमलनाथ ने उपचुनाव के प्रचार के दौरान डबरा विधानसभा क्षेत्र में ये विवादित बयान दिया. उन्होंने यहां से कांग्रेस उम्मीदवार का जिक्र शुरू करते हुए कहा कि,
हमारे उम्मीदवार सीधे सरल स्वभाव के हैं, उसके जैसे नहीं है, उसका क्या नाम है (जनता की आवाज आई इमरती देवी), मैं उसका नाम क्या लूं, मुझसे ज्यादा आप उसे पहचानते हैं. आप तो मुझे उससे पहले ही सावधान कर देते. ये क्या आइटम है.
इसके बाद कमलनाथ ने अपनी सफाई में कहा था कि उनका मकसद किसी का अपमान करना नहीं था. अगर उनके इस बयान से किसी का अपमान हुआ हो तो उन्हें खेद है. उन्होंने कहा कि वो भाषण देते हुए नाम भूल गए थे और लिस्ट में आइटम नंबर-1, आइटम नंबर-2 के हिसाब से नाम लिखे गए थे. इसीलिए उन्होंने आइटम शब्द का जिक्र किया.
बीजेपी ने बनाया मुद्दा
बता दें कि डबरा विधानसभा क्षेत्र से इमरती देवी बीजेपी की उम्मीदवार हैं. कमलनाथ के इस बयान के बाद शिवराज सिंह ने तुरंत ट्वीट करते हुए उन्हें घेरने की कोशिश की और कमलनाथ को सामंतवादी सोच का बताया. इसके बाद बीजेपी ने इसे मुद्दा बना लिया और जमकर बवाल हुआ. बीजेपी नेता लगातार कमलनाथ से माफी की मांग कर रहे हैं. अब उनके बयान पर चुनाव आयोग से लेकर महिला आयोग तक ने संज्ञान लिया है और रिपोर्ट मांगी है.
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