कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर राहुल गांधी की ताजपोशी का रास्ता साफ हो गया है. कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कार्यक्रम को मंजूदी दे दी है. वोटिंग की तारीख 16 दिसंबर तय की गई है, लेकिन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का अध्यक्ष बनना करीब करीब तय है.
पहले खबर थी कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल के नाम पर प्रस्ताव पास कर दिया गया है, लेकिन बाद में ये खबर आई कि उनके नाम पर प्रस्ताव पास नहीं हुआ है.
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी का निर्विरोध अध्यक्ष बनने की पूरी उम्मीद है. ऐसे में वोटिंग की नौबत नहीं आएगी और नामांकन पर्चों की जांच के दिन ही राहुल के नाम का ऐलान हो जाएगा. लेकिन राहुल को अध्यक्ष बनाने के लिए कांग्रेस ने गुजरात में वोटिंग के बाद और नतीजों के पहले का वक्त क्यों चुना?
चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक 1 दिसंबर को नोटिफिकेशन जारी होगा. 4 दिसंबर से नामांकन होगा. 16 दिसंबर को वोटिंग और 19 दिसंबर को नतीजे आएंगे.
वैसे खास बात ये है कि 18 दिसंबर को गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव के नतीजे भी आएंगे. उसके अगले दिन यानी 19 दिसंबर को वोटिंग की तारीख तय की गई है, पर शायद इसकी जरूरत नहीं होगी.
गुजरात चुनाव राहुल गांधी का सबसे इम्तिहान होगा. राहुल ने गुजरात में आक्रामक तरीके से कांग्रेस के प्रचार की कमान संभाल रखी है. कांग्रेस को लगता है पटेल, ओबीसी और दलित कॉम्बिनेशन के जरिए वो बीजेपी को कड़ी टक्कर देगी.
राहुल की ताजपोशी की टाइमिंग
कांग्रेस उपाध्यक्ष को अध्यक्ष बनाने के लिए जो वक्त चुना गया है वो बहुत रोचक है. गुजरात में दो चरणों में 9 दिसंबर और 14 दिसंबर को वोटिंग हैं. कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पर्चा 4 दिसंबर से भरा जाएगा और जरूरत पड़ी तो 16 दिसंबर को वोटिंग होगी. लगता तो यही है कि उधर गुजरात में वोटिंग खत्म होगी और इधर राहुल गांधी की ताजपोशी होगी.
गुजरात में कांग्रेस के प्रदर्शन में सबकी निगाहें टिकीं हैं. माना जा रहा है कि कांग्रेस 22 सालों में पहली बार बीजेपी का मुकाबला करने की स्थिति में है. खास तौर पर कांग्रेस नेताओं को लगता है कि राज्य के तीन युवा नेताओं हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवानी और अल्पेश ठाकोर के साथ आने से पार्टी की स्थिति पहले से बेहतर होगी.
राहुल होंगे इकलौते उम्मीदवार
कांग्रेस सूत्रों का मानना है कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद के लिए इकलौते उम्मीदवार होंगे. उनके मुताबिक वैसे तो औपचारिक बैठक बुलाने की जरूरत नहीं थी, लेकिेन सोनिया गांधी ने पार्टी के लिए फैसला करने वाली सर्वोच्च संस्था यानी CWC की मंजूरी लेने का फैसला किया है.
राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग पिछले कुछ सालों से लगातार उठती रही है. पार्टी के कई नेता भी लगातार राहुल की ताजपोशी की मांग करते रहे हैं. गुजरात चुनाव के दौरान राहुल जिस अंदाज में दिख रहे हैं वो काफी बदला -बदला सा है. उनकी छवि भी पहले से काफी बेहतर हुई है. 22 साल से गुजरात में सत्ता पर काबिज बीजेपी को राहुल उसके घर में जाकर कड़ी चुनौती दे रहे हैं.
20 साल से सोनिया गांधी अध्यक्ष
मौजूदा अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 1998 में पार्टी की कमान संभाली थी. करीब 20 सालों से सोनिया लगातार पार्टी को संभाल रही है. सोनिया की अगुवाई में यूपीए ने 10 सालों तक शासन किया. पिछले कुछ सालों से उनकी सोनिया गांधी की सेहत अच्छी नहीं चल रही है और राहुल को अध्यक्ष की चर्चा चल रही थी. अब कांग्रेस में राहुल गांधी का वक्त आ गया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)