संसद का मौजूदा मॉनसून सत्र पेगासस जासूसी कांड (pegasus snooping) और कृषि कानूनों (farm laws) के मुद्दे पर पूरी तरह हंगामेदार रहा है. विपक्ष इन मुद्दों पर सरकार को पूरी ताकत से घेर रहा है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आगे की रणनीति तय करने के लिए विपक्षी नेताओं को नाश्ते का न्योता भेजा है. जिसके बाद विपक्षी दल संसद के बाहर खुद का समानांतर सत्र चलाने पर सहमत हो सकते हैं.
राहुल गांधी ने आज दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में विपक्षी सांसदों को नाश्ते के लिए बुलाया है. "नाश्ते पर चर्चा" की ये कवायद मानसून सत्र के बाकी बचे दिनों में विपक्ष की रणनीति और लामबंदी के लिए हो सकती है.
समानांतर संसद आयोजित करने पर विचार कर रहा विपक्ष
मॉनसून सत्र में संसद पूरी तरह थप है. विपक्षी पार्टियां संसद भवन के बाहर एक 'समानांतर संसद' आयोजित करने की योजना बना रही हैं क्योंकि उनका आरोप है की पेगासस और कृषि कानून जैसे मुद्दों पर किसी भी चर्चा के अभाव में "केवल सरकारी संस्करण ही सामने आ रहा है".
और इसी कारण विपक्षी पार्टियों ने इसके लिए 'समानांतर संसद' का प्रस्ताव रखा है.इसे शुरू करने के और विकल्पों पर कल की बैठक में विचार किया जा सकता है.
विपक्ष को लामबंद करने की ये पहली कोशिश नहीं
हालांकि राहुल गांधी की तरफ से विपक्ष को लामबंद करने की ये पहली कोशिश नहीं है. इससे पहले राहुल गांधी विजय चौक पर विपक्षी नेताओं के साथ प्रेस वार्ता कर चुके हैं और अब नाश्ते पर साथ आने के लिए बुलावा भेजा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस को भी न्योता भेजा गया है. गौरतलब है कि हाल ही में टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी अपने दिल्ली दौरे पर थीं और इस बीच वह भी विपक्षी नेताओं से मिलने और साझा रणनीति बनाने में जुटी रहीं.
मॉनसून सत्र: विपक्ष ने सरकार को बैकफुट पर धकेला
मौजूदा मॉनसून सत्र 19 जुलाई से ही शुरू है लेकिन इस बार विपक्ष के तेवर स्पष्ट रूप से आक्रामक है. संसद में इस बीच लगातार हंगामा होता रहा .खासकर मॉनसून सत्र के 1 दिन पहले हुए पेगासस स्पाइवेयर की मदद से कथित जासूसी कांड के खुलासे पर विपक्ष ने सरकार को घेरा है. यहां तक कि बीजेपी के बहुमत वाले लोकसभा में भी सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है.107 घंटे के शेड्यूल्ड समय में से संसद अभी तक सिर्फ 18 घंटे चली है.
पेगासस के अलावा कृषि से जुड़े तीन कानूनों पर भी विवाद थमता नहीं दिख रहा है. विपक्ष का आरोप है कि सरकार पेगासस और कृषि कानूनों पर चर्चा करने से भाग रही है और संसद में अपने मन मुताबिक बिल पास कर रही हैं.
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