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राहुल गांधी के लिए उपयुक्त नाम ‘राहुल जिन्ना’: GVL नरसिम्हा राव

बीजेपी के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है और उन पर ‘मुस्लिम तुष्टिकरण’ का आरोप लगाया है.

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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को बीजेपी की तरफ से की गई माफी की मांग पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उनका नाम 'राहुल सावरकर' नहीं है, उनका नाम राहुल गांधी है और वह सच बोलने के लिए माफी नहीं मांगेंगे. उन्होंने कहा कि माफी (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को इस देश से मांगनी चाहिए.

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राहुल गांधी के इस बयान के बाद बीजेपी के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है और उन पर 'मुस्लिम तुष्टिकरण' का आरोप लगाया है

राहुल गांधी अधिक उपयुक्त नाम राहुल जिन्ना है. आपकी मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति और मानसिकता आपको सावरकर की नहीं, बल्कि मोहम्मद अली जिन्ना की योग्य वसीयत दार बनाती है.
जीवीएल नरसिम्हा राव, प्रवक्ता, बीजेपी

राहुल गांधी की 'भारत बचाओ रैली'

इससे पहले राहुल गांधी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस की ओर से आयोजित 'भारत बचाओ रैली' में मौजूद जनसमूह को संबोधित किया. उन्होंने कहा, "कल संसद में बीजेपी के लोगों ने कहा कि आप अपने भाषण के लिए माफी मांगिए. लेकिन मैं आपको बता दूं कि मेरा नाम 'राहुल सावरकर' नहीं है, मेरा नाम 'राहुल गांधी' है। मर जाऊंगा, मगर माफी नहीं मांगूंगा। सच बोलने के लिए मैं माफी नहीं मांगूंगा। कांग्रेस का कोई व्यक्ति माफी नहीं मांगेगा."

राहुल ने कहा, "माफी (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी को मांगनी है इस देश से. उनके असिस्टेंट (गृहमंत्री) अमित शाह को देश से माफी मांगनी है," क्योंकि उन्होंने देश को बर्बाद कर दिया है.

राहुल का इशारा हिंदूवादी नेता दिवंगत विनायक दामोदर सावरकर के14 नवंबर, 1913 को ब्रिटिश सरकार को लिखे गए माफी के पत्र की तरफ था, जिसे उन्होंने अंडमान के सेलुलर जेल में बंद रहने के दौरान लिखा था.

मामला क्या है?

बता दें कि राहुल गांधी ने झारखंड में एक चुनावी रैली के दौरान 'रेप इन इंडिया' टिप्पणी की थी, जिस पर बीजेपी सदस्यों ने शुक्रवार को संसद में उनसे माफी की मांग की थी। राहुल की इस टिप्पणी को लेकर संसद में काफी हंगाम हुआ था.

राहुल ने आगे कहा, "इस देश की शक्ति, आत्मा यहां की अर्थव्यवस्था थी. पूरी दुनिया हमारी तरफ देखती थी और कहती थी कि यह हिंदुस्तान में क्या हो रहा है. अलग-अलग धर्मो का देश नौ प्रतिशत जीडीपी पर कैसे चल रहा है. पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था भारत और चीन पर निर्भर थी. इसे चिंडिया कहते थे."

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