कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कृषि कानून (Farm Laws) विरोधी आंदोलन के दौरान मरे किसानों के परिजनों को मुआवजा देने को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार (Narendra Modi) पर निशाना साधा है. जहां एक तरफ मोदी सरकार ने संसद में कहा है कि उनके पास आंदोलन के दौरान मरे किसानों का कोई आंकड़ा नहीं है वहीं आज राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपनी तरफ से आंकड़ा सामने रखने का दावा किया है. राहुल गांधी ने सरकार से कहा आंदोलन में मारे गए किसानों की लिस्ट ना हो तो हमसे ले.
"हमारे पास 403 लोग हैं जिन्हें पंजाब सरकार ने 5-5 लाख रुपये का मुआवजा दिया है और 152 को नौकरी दी है. हमारे पास अन्य राज्यों के 100 नामों की एक सूची है और एक तीसरी सूची है जो नामों की सार्वजनिक जानकारी है जिसे आसानी से सत्यापित किया जा सकता है. लेकिन सरकार का कहना है कि ऐसी सूची मौजूद नहीं है"
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस एक सवाल के जवाब में कहा कि अगर मोदी सरकार ने कृषि कानूनों पर अपनी गलती मानी है तो उसके विरोध में मरे किसानों को मुआवजा देना भी सरकार की जिम्मेदारी है.
"पीएम ने खुद कहा है कि उनसे गलती हुई है, उन्होंने देश से माफी मांगी है. उस गलती की वजह से अब तक 700 लोगों की मौत हो चुकी है. अब आप उनके नाम के बारे में झूठ बोल रहे हैं. आपके पास उन्हें वह देने की शालीनता क्यों नहीं है जो उनका हक है?"
इससे पहले राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए किसानों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी को घेरा. उन्होंने लिखा कि
"जब PM ने कृषि-विरोधी कानून बनाने के लिए माफी मांगी तो संसद में बतायें कि प्रायश्चित कैसे करेंगे- लखीमपुर मामले के मंत्री को बर्खास्त कब? शहीद किसानों को मुआवजा कितना-कब? सत्याग्रहियों के खिलाफ झूठे केस वापस कब? MSP पर कानून कब? इसके बिना माफी अधूरी!
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