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राजस्थान: गहलोत को SC से राहत, कुछ ही देर में विधायक दल की बैठक

14 अगस्त को बुलाया गया है राजस्थान विधानसभा का सत्र 

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राजस्थान का सियासी ड्रामा फिलहाल थमता हुआ जरूर दिख रहा है, लेकिन विधानसभा सत्र से पहले कुछ भी कहना सही नहीं होगा. क्योंकि भले ही कांग्रेस के नाराज विधायक राजस्थान लौट गए हों, लेकिन फ्लोर टेस्ट अगर होता है तो उसमें ये देखना दिलचस्प होगा कि कहीं गहलोत के हाथों से बाजी पलट तो नहीं जाएगी. इसी बीच गहलोत सरकार के लिए सुप्रीम कोर्ट से एक राहत भरी खबर है, सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस में शामिल हुए 6 बीएसपी विधायकों के विधानसभा सत्र में शामिल होने और वोट डालने पर रोक नहीं लगाई है.

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हालांकि विधानसभा सत्र से पहले गुरुवार शाम 5 बजे सीएम अशोक गहलोत के आवास पर कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक बुलाई है.

अब ये देखना जरूरी होगा कि इस विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट और उनके साथी विधायक शामिल होते हैं या फिर नहीं. गहलोत की तरफ से पायलट को मीटिंग के लिए न्योता दिया गया है. अगर सचिन पायलट इस बैठक में शामिल होते हैं तो कई हफ्तों की कड़वाहट के बाद गहलोत और उनका आमना-सामना होगा.

गहलोत को फिर याद आई सीबीआई-ईडी

विधायक दल की बैठक से ठीक पहले सीएम अशोक गहलोत ने ट्विटर पर ट्वीट्स की झड़ी लगा दी. जिसमें उन्होंने एक बार फिर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग की बात कही. साथ ही भूल जाने और माफ कर देने का भी जिक्र किया. गहलोत ने ट्विटर पर लिखा,

"मैं उम्मीद करता हूं कि फॉरगेट एन्ड फॉरगिव की भावना के साथ सेव डेमोक्रेसी हमारी प्रायोरिटी होनी चाहिए. देश में वन बाई वन चुनी हुई सरकारों को तोड़ने की जो साजिश चल रही है, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश आदि राज्यों में सरकारें जिस तरह टॉपल की जा रही हैं, ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स, ज्यूडिशियरी का जो दुरूपयोग हो रहा है ये डेमोक्रेसी को कमजोर करने का बहुत डेंजरस गेम है. कांग्रेस की लड़ाई तो सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी के नेतृत्व में डेमोक्रेसी को बचाने की है, पिछले एक माह में कांग्रेस पार्टी में आपस में जो भी नाइत्तेफाकी हुई है, उसे देश के हित में, प्रदेश के हित में, प्रदेशवासियों के हित में और लोकतंत्र के हित में हमें फॉरगेट एन्ड फॉरगिव, आपस में भूलो और माफ करो और आगे बढ़ो की भावना के साथ डेमोक्रेसी को बचाने की लड़ाई में लगना है."

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14 अगस्त को असली टेस्ट

अब विधायक दल की बैठक के बाद 14 अगस्त यानी ठीक एक दिन बाद गहलोत सरकार का असली टेस्ट हो सकता है. अगर सत्र के पहले ही दिन फ्लोर टेस्ट हुआ तो गहलोत को बहुमत साबित करना होगा.

अब जिन विधायकों के पीछे गहलोत ने एसओजी की टीमें दौड़ा दी थीं, वो वापस तो लौटे हैं, लेकिन जब तक वोट कांग्रेस के पाले में नहीं पड़ जाते, खतरा बना हुआ है. इसी बीच ये भी खबर सामने आई है कि कांग्रेस ने अपने जिन नाराज विधायकों को सस्पेंड किया था, उनका सस्पेंशन वापस लिया जा रहा है. विधायक भंवर लाल शर्मा और विश्वेन्द्र प्रताप का नाम इसमें शामिल है.

वहीं दूसरी तरफ बीएसपी के 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने का मामला राजस्थान हाईकोर्ट में भी चल रहा है. जिस पर 13 अगस्त को सुनवाई हुई. लेकिन कोर्ट ने फिलहाल कोई फैसला नहीं सुनाया. अब इस मामले की अगली सुनवाई भी 14 अगस्त को होगी. याचिका में मांग की गई है कि बीएसपी विधायकों की सदस्यता रद्द की जानी चाहिए. अगर कल फैसला आता है तो ये भी गहलोत सरकार के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है.

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