राजस्थान में सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. विधानसभा सत्र से पहले अब गहलोत सरकार को और खतरा महसूस होने लगा है. 14 अगस्त को विधानसभा सत्र बुलाया गया है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि क्या तब तक सीएम गहलोत के पास उतने ही विधायक रहेंगे जितने फिलहाल हैं. गहलोत ने खुद सामने आकर कहा है कि बीजेपी ने विधायकों के दाम दोगुने कर दिए हैं. इसके अलावा उन्होंने मायावती को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि सीबीआई और ईडी के डर से वो ऐसा कर रही हैं.
अशोक गहलोत शुरू से ही लगातार बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाते आए हैं. इसे लेकर उन्होंने पीएम मोदी को भी एक खुला खत लिखा था. अब एक बार फिर गहलोत ने बीजेपी और पीएम मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने मीडिया के सामने आकर कहा,
“मोदी जी प्रधानमंत्री हैं. जनता ने दो बार उन्हें मौका दिया. उन्होंने थाली बजवाई, ताली बजवाई लोगों ने उन पर विश्वास किया. ये बड़ी बात है. उन प्रधानमंत्री को चाहिए कि जो राजस्थान के अंदर तमाशा हो रहा है उसे बंद करवाएं. हॉर्स ट्रेडिंग का रेट बढ़ गया है. विधानसभा सत्र की तारीख के बाद उन्होंने और ज्यादा रेट बढ़ा दिया है. क्या तमाशा चल रहा है ये?”
मायावती पर गहलोत का वार
राजस्थान में गहलोत सरकार जैसे ही संकट में आई, बीएसपी प्रमुख मायावती भी एक्टिव हो गईं. उन्होंने अपने 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने का मुद्दा उठाया. यहां तक कि माया ने खुद ये कहा कि वो सही वक्त का इंतजार कर रही थीं. लेकिन अब अशोक गहलोत ने मायावती पर सीधा निशाना साधा है. उन्होंने कहा, मायावती बहनजी सीबीआई और ईडी के दबाव में हैं. राज्य में बीएसपी के विधायक कांग्रेस में नियमों के मुताबिक शामिल हुए. जब राज्यसभा में 4 टीडीपी सांसद बीजेपी के साथ आए तब किसी ने कुछ नहीं कहा.
इस दौरान गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को भी एक बार फिर निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि शेखावत का नाम संजीवनी कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले में सामने आया है. इसीलिए अब उन्हें नैतिक मूल्यों के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए.
बता दें कि अशोक गहलोत अपने सभी विधायकों समेत जयपुर के होटल से अब जैसलमेर पहुंच चुके हैं. यहां कांग्रेस विधायकों के लिए सबसे सेफ जगह मानी जा रही है. वहीं 14 अगस्त को बुलाए गए सत्र पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं. अगर तब तक गहलोत अपना कुनबा बचाने में कामयाब रहते हैं तो ये उनके लिए एक जीत साबित होगी. हालांकि सचिन पायलट गुट के विधायक दावा कर चुके हैं कि कई कांग्रेस विधायक लगातार उनके संपर्क में हैं. अगर ऐसा हुआ तो गहलोत खुद ही अपने बिछाए जाल में फंस सकते हैं और विधानसभा में बहुमत खो सकते हैं.
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