राजस्थान (Rajasthan) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की जीत के बाद, 15 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह हुआ और भजन लाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) को मुख्यमंत्री बनाया गया. भजन लाल शर्मा को राज्यपाल कलराज मिश्र ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. इसके बाद प्रेमचंद बैरवा और दीया कुमारी ने डिप्टी CM पद की शपथ लिया. शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल हुए. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और सीनियर कांग्रेस नेता अशोक गहलोत भी मंच पर नजर आए.
शपथ ग्रहण समारोह के लिए 16 केंद्रीय मंत्रियों, 17 मुख्यमंत्रियों और उप-मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया गया था.
सूबे में 25 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 115 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को केवल 69 सीटों से संतोष करना पड़ा. राज्य में विधानसभा की 200 में से 199 सीटों पर मतदान हुआ था.
पहली बार MLA बने हैं भजन लाल शर्मा
पहली बार विधायक बने भजन लाल शर्मा को मंगलवार को बीजेपी विधायक दल की बैठक के दौरान पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षकों राजनाथ सिंह, सरोज पांडे और विनोद तावड़े की मौजूदगी में मुख्यमंत्री चुना गया था.
विद्याधर नगर से विधायक दीया कुमारी और दूदू विधायक प्रेमचंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री और अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी को विधानसभा अध्यक्ष चुना गया.
जन्मदिन के दिन CM बने भजन लाल शर्मा
15 दिसंबर को भजन लाल शर्मा का जन्मदिन है. उनके परिवार ने उनका जन्मदिन चंबल पावर हाउस के गेस्ट हाउस में मनाया.
वसुंधरा राजे का पत्ता कटा
70 साल कीं वसुंधरा राजे पार्टी की सीनियर लीडर हैं. पार्टी उन्हें दरकिनार करे, उससे पहले ही उन्हें साफ तौर से कहना पड़ा कि वो राजनीति से अभी रिटायर नही हो रही हैं. छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की तरह पार्टी ने राजस्थान में भी नए लीडरशीप पर भरोसा जताया.
साल 2018 के चुनाव में जब बीजेपी हारी, तब एक नारा खूब चला था. "मोदी तुझसे बैर नहीं, वसुंधरा तेरी खैर नहीं". यहीं से वसुंधरा की पटकथा लिखी जाने लगी थी. उसके बाद उन्हें राज्य की राजनीति से दूर करने की कोशिश की गई और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई.
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