Rajasthan Congress crisis: राजस्थान में कांग्रेस की सियासी घमासान के बीच जयपुर से रिपोर्ट लेकर लौटे पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिल्ली में सोनिया गांधी के आवास पर उनसे मुलाकात की. बैठक के बाद बाहर आए अजय माकन ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे के विधायकों ने आलाकमान के सामने 3 शर्तें रखी थीं.
अजय माकन ने बताया कि
1. वहां पहली शर्त रखी गई कि राजस्थान के सीएम पद कोई भी निर्णय 19 अक्टूबर के बाद होना चाहिए. तो उसपर हमारा कहना था कि ये कैसे संभव है. अगर अशोक गहलोत 19 तारीख को कांग्रेस चीफ का चुनाव जीत जाते हैं तो क्या वह खुद सीएम पद का चुनाव करेंगे. तो ये कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट नहीं तो क्या है?
2. दूसरी शर्त कि सभी विधायकों से अलग-अलग नहीं मिलिए. ग्रुप में मिलिए. इसपर हमारा कहना था कि कभी भी कांग्रेस में ऐसा नहीं हुआ. अलग-अलग बात की जाती है, जिससे सभी विधायक अपनी बात रख सके.
3. तीसरी शर्त थी कि जो 102 विधायक अशोक गहलोत के खेमें में हैं उन्हीं में से सीएम बनाया जाना चाहिए. तो इसपर हमने कहा कि जो भी फैसला होगा वह सोनिया गांधी के सामने रखा जाएगा. कांग्रेस में कभी भी कोई प्रस्ताव पास किए जाते हैं तो वह बिना कंडीशन के जाती हैं.
इससे पहले राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की थी, लेकिन अजय माकन और गहलोत की मुलाकात नहीं हुई. यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है, जब पार्टी आलाकमान गहलोत गुट से नाराज बताया जा रहा है.
गहलोत से मुलाकात के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, कल जो भी हुआ उसके बारे में हमने पार्टी अध्यक्ष को बता दिया है. आखिर में जो भी फैसला लिया जाता है, उसका सभी को पालन करना होता है, पार्टी में अनुशासन होना चाहिए।
कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार रात को मुख्यमंत्री आवास पर होनी थी, लेकिन गहलोत के वफादार कई विधायक बैठक में नहीं आए, उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक की और फिर वहां से वे विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से मिलने गए.
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