राजस्थान (Rajasthan) में मुख्यमंत्री बदलाव के मुद्दे पर 25 सितंबर को मचे बवाल के बाद कांग्रेस विधायकों के विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को दिए इस्तीफे आखिरकार तीन महीने बाद वापस हो गए है. इस्तीफा देने वाले 91 विधायकों विधानसभा अध्यक्ष जोशी को एक लाइन की चिट्ठी लिखकर अपना इस्तीफा वापस लेना शुरू कर दिया है.
माना जा रहा है कि विधायकों के इस्तीफे मामले में विधानसभा सत्र के दौरान बीजेपी को एक बड़ा मुद्दा मिलने और संवैधानिक पेच फंसने की आशंका के चलते कांग्रेस की तरफ से विधायकों इसके बाद प्रक्रिया शुरु की गई, राजस्थान में 23 जनवरी से बजट सत्र शुरू होना है.
विधायकों के इस तरह इस्तीफे वापस लेने के मामले को नियमों के खिलाफ जाने की बात कहते हुए बीजेपी ने सवाल खड़े किए है. विधानसभा के उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि यह लोकतंत्र के खिलाफ इस विधानसभा में मुद्दा उठाएंगे, इस्तीफा देने का निर्णय कर स्वयं उपस्थित होकर स्पीकर को त्यागपत्र सौंपा तो उसमें कोई जांच की जानी जरूरी नहीं थी.
विधानसभा प्रक्रिया नियम 173 के मुताबिक उन्हें तुरंत प्रभाव से स्वीकार कर लिया जाना जरूरी है. राठौड़ ने कहा कि यह साबित करता है कि हाईकोर्ट में 2 जनवरी 2023 को सूचीबद्ध हो रहे मामले में हाईकोर्ट के जवाब देने की स्थिति में नहीं थे. इसलिए इस्तीफे वापस ले लिए जाने की सुनियोजित योजना को अंजाम दे दिया गया है, इस्तीफा देने के बाद विधायकों और मंत्रियों को सरकारी वेतन और लाभ नहीं लेने चाहिए.
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