राजस्थान में गहलोत सरकार लगातार आरोप लगा रही है कि बीजेपी उनकी सरकार गिराने में जुटी है. वहीं हाईकोर्ट से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली है. इसी बीच गहलोत ने मीडिया के सामने आकर राज्यपाल को चेतावनी दे डाली. उन्होंने कहा कि अगर राजभवन को जनता घेर देती है तो वो इसके जिम्मेदार नहीं होंगे. इस पर अब राजभवन की तरफ से जवाब आया है और पूछा गया है कि अगर आप हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी नहीं लेंगे तो आखिर कौन लेगा?
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र की तरफ से गहलोत सरकार को लिखे गए एक लेटर में कहा गया है कि एक्सपर्ट्स से इस मामले पर चर्चा से पहले ही मुख्यमंत्री ने खुलेआम ये बयान दे दिया कि अगर राजभवन को जनता घेर लेती है तो ये उनकी जिम्मेदारी नहीं होगी. राज्यपाल ने अपने स्टेटमेंट में कहा,
“अगर आप और आपकी सरकार राज्यपाल की सुरक्षा नहीं कर सकती है तो राज्य में कानून व्यवस्था कहां है? गवर्नर की सुरक्षा के लिए आखिर कौन सी एजेंसी से संपर्क किया जाए? मैंने इससे पहले किसी भी मुख्यमंत्री से ऐसा बयान नहीं सुना है. क्या ये एक गलत ट्रेंड की शुरुआत नहीं है कि विधायक राज भवन में आकर प्रदर्शन कर रहे हैं?”
सत्र बुलाने को लेकर कोई एजेंडा नहीं
राज्यपाल ने विधानसभा सत्र बुलाए जाने की मांग को लेकर बताया कि, 23 जुलाई की रात को सरकार की तरफ से उनके पास निवेदन आया कि विधानसभा सत्र बुलाया जाए. इतने शॉर्ट नोटिस में विधानसभा बुलाने का ये निवेदन मिला. जिसके बाद इसका विश्लेषण किया गया और लीगल एक्सपर्ट्स से भी इस पर राय ली जा रही है. इस लेटर में विधानसभा सत्र बुलाने की किसी भी तारीख को नहीं दिया गया है और इसके लिए कैबिनेट का भी कोई अप्रूवल नहीं है.
राजभवन की तरफ से बताया गया है कि, इतने कम समय के अंतराल में अचानक विधानसभा सत्र बुलाए जाने को लेकर कोई सफाई भी नहीं दी गई है. साथ ही इस विधानसभा सत्र का कोई एजेंडा भी नहीं बताया गया है. आमतौर पर विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर 21 दिन पहले नोटिस देना होता है.
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