राजस्थान में डिप्टी सीएम सचिन पायलट की नाराजगी के बाद कांग्रेस सरकार पर खतरे के बादल मंडराने लगे थे. लोगों ने मध्य प्रदेश वाला सीन याद करना शुरू कर दिया था, जहां सिंधिया की नाराजगी ने कमलनाथ की सरकार गिरा दी थी. पिछले 48 घंटों में रूठने मनाने का ये दौर लगातार चलता रहा. इसी बीच सीएम अशोक गहलोत ने अपने आवास पर विधायक दल की बैठक बुलाई, जिसे एक शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा गया. क्योंकि वो बहुमत के आंकड़े से ज्यादा विधायक जुटाने में सफल रहे. बैठक में पास हुए रेज्योल्यूशन में कहा गया कि बीजेपी लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ कर रही है. राजस्थान में अब तक क्या-क्या हुआ, इन 10 बड़ी बातों में जानिए.
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- सचिन पायलट के दिल्ली पहुंचने के बाद उन्हीं के सूत्रों के हवाले से ये खबर आई कि उनके पास 30 विधायकों का समर्थन मौजूद है. यानी गहलोत सरकार गिरने के पूरे चांस हैं. इस खबर से राजस्थान की राजनीति में खलबली सी मच गई.
- इसके बाद राजस्थान कांग्रेस के इंचार्ज अविनाश पांडे ने कमान संभाली और लगातार विधायकों से संपर्क साधा. उनके साथ पार्टी के कई बड़े नेता इस काम में जुट गए. हर एक विधायक को फोन किया गया.
- विधायकों से बाचतीत के बाद अविनाश पांडे सामने आए और कहा कि उनके पास 109 विधायकों का समर्थन है. इनमें से ज्यादातर ने समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर भी कर लिए हैं. इसके बाद उन्होंने विधायक दल की बैठक के लिए व्हिप जारी किया.
- इसी बीच कांग्रेस पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस होती है और बताया जाता है कि सब ठीक है और पायलट को मनाने की कोशिश चल रही है. पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला कहते हैं कि परिवार में वैचारिक मतभेत होते हैं. उन्होंने कहा कि सभी के लिए पार्टी आलाकमान के दरवाजे हमेशा खुले हैं.
- इस हलचल के बीच ये भी खबर आई कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अब राजस्थान क्राइसिस की कमान अपने हाथों में ले ली है. वो लगातार गहलोत और पायलट समेत अन्य नेताओं से बातचीत कर इस मसले को सुलझाने की कोशिश कर रही हैं.
- कांग्रेस विधायक दल की बैठक का वक्त शुरू होते ही खबर मिली कि करीब 90 विधायक ही बैठक में पहुंचे हैं. इसके बाद नंबर गेम के हिसाब से गहलोत सरकार अल्पमत में नजर आ रही थी. पायलट का दावा सच होता दिख रहा था.
- जैसे-जैसे बैठक आगे बढ़ी गहलोत को समर्थन देने वाले विधायकों की संख्या भी बढ़ती गई. इसके बाद बताया गया कि गहलोत को समर्थन देने विधायक दल की बैठक में कुल 107 विधायक पहुंचे. जो कांग्रेस पार्टी के लिए एक राहत भरी खबर थी. क्योंकि ये संख्या बहुमत से 6 अंक ज्यादा है.
- इतनी बड़ी संख्या में विधायकों को एकजुट करने के बाद विधायक दल की इस बैठक को गहलोत का शक्ति प्रदर्शन माना गया. बैठक में पहुंचे विधायकों ने कैमरों के सामने विक्ट्री साइन भी दिखाया. सभी विधायक बसों में सवार होकर होटल के लिए निकल गए.
- कांग्रेस विधायक दल की बैठक में एक रेज्योल्यूशन पास हुआ. जिसमें कहा गया कि अगर विधायक दल का कोई भी सदस्य पार्टी के खिलाफ जाने की कोशिश करता है या फिर किसी साजिश का हिस्सा पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.
- इस बैठक में पास हुए रेज्योल्यूशन में बीजेपी पर आरोप लगाया गया है कि वो लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ कर रही है और राजस्थान की 8 करोड़ जनता का अपमान कर रही है. बैठक में कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, नेता राहुल गांधी और अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार पर भरोसा जताया गया.
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