राजस्थान की गहलोत सरकार फिलहाल खतरे में चल रही है. विधायकों ने होटल में डेरा जमाया हुआ है और हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार है. लेकिन इस बीच अब सीएम अशोक गहलोत अपने पुराने साथी सचिन पायलट के खिलाफ खुलकर मैदान में उतर चुके हैं. गहलोत ने एक बार फिर होटल से बाहर निकलकर सचिन पायलट पर जमकर हमला बोला. लेकिन इस दौरान उन्होंने उन दो दिग्गज वकीलों का भी जिक्र किया, जो पायलट धड़े की तरफ से केस लड़ रहे हैं. गहलोत ने कहा कि आखिर हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी जैसे वकीलों की फीस कौन दे रहा है?
सीएम अशोक गहलोत ने वही बात उठाई जो मामला हाईकोर्ट में जाने से ठीक पहले उठी थी. सोशल मीडिया पर कई लोगों ने पूछा था कि केंद्र सरकार और कॉरपोरेट्स के बड़े-बड़े केस लड़ने वाले दिग्गज वकील बागी विधायकों की पैरवी के लिए क्यों लाए गए?
गहलोत ने खुलकर वकीलों का नाम लेते हुए कहा कि,
“मैं पूछना चाहता हूं कि मुंबई के कॉरपोरेट हाउस के लोग इन लोगों को स्पॉन्सर क्यों कर रहे हैं? अभी वकील साहब लंदन से बोल रहे हैं. हरीश साल्वे कॉरपोरेट हाउसेस के वकील हैं. इनकी फीस 30 लाख से 50 लाख तक होती है. दूसरे वकील कौन हैं? मुकुल रोहतगी, पूर्व अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया और बीजेपी के खास चहेते, वो यहां खड़े हैं. उनकी फीस भी 50 लाख है. ये पैसा कहां से आ रहा है? क्या पायलट साहब ये पैसा दे रहे हैं?”अशोक गहलोत
गहलोत ने आरोप लगाया कि उनकी सरकार गिराने की साजिश कॉरपोरेट हाउस कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “साल्वे और रोहतगी जैसे बड़े वकीलों का पैसा कॉरपोरेट हाउस दे रहे हैं. इस देश के कई कॉरपोरेट घराने ऐसे हैं जो मोदी जी और बीजेपी को खुश करने के लिए ये षड़यंत्र कर रहे हैं.”
कौन हैं पायलट धड़े के वकील?
सचिन पायलट समेत 19 बागी विधायकों पर अयोग्य घोषित होने की तलवार लटक रही थी. लेकिन तभी मामला हाईकोर्ट पहुंच गया. फिर बताया गया कि बागी विधायकों की तरफ से देश के सबसे बड़े वकीलों में गिने जाने वाले हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी केस लड़ रहे हैं.
हरीश साल्वे
हरीश साल्वे देश के बड़े और काफी महंगे वकील हैं. साल्वे भी मोदी सरकार की तरफ से कई बड़े केस लड़ चुके हैं. पाकिस्तान में कैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव केस में भारत सरकार ने हरीश साल्वे और उनकी टीम को आईसीजे में केस लड़ने का मौका दिया. साल्वे 1999 से लेकर 2002 तक सॉलिसिटर जनरल के पद पर भी रह चुके हैं. उन्हें सलमान खान हिट एंड रन केस, मुकेश अंबानी समेत कई बड़े मामलों में केस अपने पक्ष में करने के लिए जाना जाता है.
मुकुल रोहतगी
मुकुल रोहतगी मोदी सरकार में अटॉर्नी जनरल के पद पर नियुक्त थे. लेकिन उन्होंने कुछ साल पहले उन्होंने अपना ये पद छोड़ दिया था. जिसके बाद कई सवाल भी खड़े हुए थे. रोहतगी का नाम देश के सबसे बड़े और महंगे वकीलों में आता है. उन्हें पीएम मोदी का काफी करीबी भी माना जाता है. 2002 गुजरात दंगों के मामले में भी मुकुल रोहतगी ने गुजरात सरकार का पक्ष रखा था. हाल ही में चीनी ऐप्लीकेशन टिक-टॉक ने रोहतगी को केस लड़ने का ऑफर दिया था, जिसे उन्होंने देशहित में ठुकरा दिया.
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