ADVERTISEMENTREMOVE AD

Rajasthan Rajya Sabha Election: कांग्रेस को समर्थन के लिए BTP ने रखी शर्त

Ashok Gehlot के मंत्री परिषद के सदस्य बन चुके राजेन्द्र गुढ़ा ने मीडिया से कहा कि मुख्यमंत्री बोलते ज्यादा हेै

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

राजस्थान(Rajasthan) के जयपुर की चार राज्यसभा सीटों के लिए रण छिड़ा हुआ है.इस चुनाव में शिकायत, डिमांड, बाड़ाबंदी, जासूसी सभी एंगल सामने आ रहे है.अब तक कांग्रेस सरकार के साथ खड़े होने का दावा करने वाले विधायकों ने शिकायतों के साथ सौदेबाजी भी शुरू कर दी है.वहीं कुछ विधायकों की अंदरखाने में सरकार के सामने अपनी मांग रखने की भी जानकारी सामने आ रही है. इन विधायकों में से अशोक गहलोत के मंत्री परिषद के सदस्य बन चुके, राजेन्द्र गुढ़ा ने मीडिया के सामने यह कह कर चौंका दिया कि मुख्यमंत्री बोलते ज्यादा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

सैनिक कल्याण राज्य मंत्री गुढ़ा ने कहा हमारे साथ हुए कमिटमेंट पूरे नहीं हुए है.इधर भाजपा ने राज्य सरकार पर विधायकों की जासूसी का आरोप लगाया है.तो वही भाजपा महामंत्री मदन दिलावर ने आरोप लगाते हुए एक वीडियो भी जारी ​किया है, जिसमें वे पुलिस के जवानों से उलझते दिखाई दे रहे है.

राज्य मंत्री गुढ़ा ने कहा कि हमारे साथियों को जो सम्मान मिलना चाहिए था, वह नहीं मिला.कारण जो भी हो लेकिन कुल मिलाकर राजनीति में कमिटमेंट जो हो वह पूरा होना चाहिए. अजय माकन जो हमारे प्रभारी हैं.उन्होंने मुझसे जो कमिटमेंट किया था, वह पूरा नहीं किया.हमने जब कांग्रेस जॉइन किया था, तब से लोग कह रहे थे कि सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा चल रहा है. विधानसभा की सदस्यता जाने या रहने की चिंता हम नहीं करते है.राजस्थान की सरकार मजबूती से चले,इसलिए हमने अशोक गहलोत के नेतृत्व में सरकार को सपोर्ट किया था.

बीटीपी ने रखी शर्त- काकरा डूंगरी के मुकदमे वापस ले सरकार

भारतीय ट्रायबल पार्टी  के प्रदेश अध्यक्ष वेलाराम घोघरा ने यह साफ कर दिया है कि बीटीपी विधायक इन चुनावों में भाजपा, कांग्रेस या किसी निर्दलीय को वोट नहीं देंगे.घोघरा ने कहा कि यदि गहलोत सरकार मतदान से पहले काकरा डूंगरी मामले  में युवाओं के खिलाफ दर्ज मामले वापस ले लेती है,तो बीटीपी 9 जून को बैठक कर कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन का निर्णय ले सकती है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
बासपा छोड़कर कांग्रेस में गए एक और विधायक वाजिब अली ने भी सरकार के काम—काज पर सवाल खड़े करते हुए नाराजगी जाहिर की है.उन्होंने कहा कि हमारे यहां पीडब्ल्यूडी के कामों में काफी शिकायतें थीं.अवैध खनन की शिकायत थी. मैंने खुद मुख्यमंत्री को लिखा लेकिन पता नहीं वह चीजें कहां चली जाती है.बाड़ेबंदी में नहीं जाने के सवाल पर वाजिब अली ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो बाड़ेबंदी में चले जांएगे.10 तारीख को वोटिंग होनी है,वोट तो डालना है, कहीं भी दे देंगे.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक एससी आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जो पहले से मंत्री थे, उन्हीं को प्रमोशन करके आगे भेज दिया गया है.तो बाकी बचे विधायकों का जुर्म क्या था? हमारे साथ न्याय नहीं हुआ है.जो वादे किए गए थे वह पूरे नहीं हुए है.इसी के चलते पीड़ा है.35 दिन जब बाड़ेबंदी हुई तो यह कहा गया था कि हर विधायक को सम्मान मिलेगा.कोई विधायक केवल विधायक नहीं रहेगा,लेकिन सवा साल तक किसी ने नहीं पूछा कि तुम्हारे क्या हाल हैं?

ADVERTISEMENTREMOVE AD
माकपा विधायक बलवान पूनियां ने कांग्रेस के साथ जाने के संकेत देते हुए कहा कि यह हरियाणा नहीं राजस्थान है.भाजपा तो यहां सरकार भी गिराना चाह रही थी लेकिन गिरी नहीं.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

बसपा छोड़ कांग्रेस में आए एक और विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने सरकार से नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्होंने कांग्रेस का साथ दिया, तो बदले में उन पर मुकदमे दर्ज किया जाएगा.मुझे कांग्रेस ने नहीं बसपा ने बनाया है.मैं बसपा सुप्रीमों मायावती का अहसान नहीं भूल सकता. ​मलिंगा ने कहा कि हम उदयपुर क्यों जाएं,मुझे बाड़ेबंदियों में जाकर और सरकार बचाने का इनाम ही तो मिला है.वफादारी करके सरकार बचाने के बावजूद मुझे पर गलत तरीके से मुकदमा हुआ.

 इधर कांग्रेस की उदयपुर में हुई  बाड़ेबंदी में शनिवार को 80 के करीब विधायक पहुंचने की जानकारी सामने आई है.वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी उदयपुर पहुंच गए हैं.यहां बाडे़बंदी में विधायकों से चर्चा करेंगे.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×