ADVERTISEMENTREMOVE AD

BJP में आने के जोशी के दावे पर पायलट- सचिन तेंदुलकर से बात की होगी

बीजेपी नेता रीता बहुगुणा जोशी ने ये दावा किया था कि सचिन पायलट (Sachin Pilot) जल्द ही पार्टी में शामिल हो सकते हैं.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

राजस्थान कांग्रेस में 'गहलोत बनाम पायलट' वाला मामला एक बार फिर सुर्खियों में हैं. इन कयासों को कुछ बीजेपी नेता भी तूल दे रहे हैं. हाल ही में एक न्यूज चैनल से बातचीत में दशकों तक कांग्रेस में रहीं और अब बीजेपी नेता रीता बहुगुणा जोशी ने ये दावा किया था कि सचिन पायलट जल्द ही पार्टी में शामिल हो सकते हैं. इस दावे को खुद सचिन पायलट ने ही सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि हो सकता है कि सचिन तेंदुलकर से उन्होंने बात कर ली हो.

रीता बहुगुणा जोशी ने ऐसा कहा है कि उन्होंने सचिन से बात की है तो हो सकता है उन्होंने सचिन तेंदुलकर से बात की होगी. मुझसे बात करने की हिम्मत नहीं है.
सचिन पायलट
ADVERTISEMENTREMOVE AD

'गहलोत बनाम पायलट' वाले कयास फिर से क्यों लग रहे हैं?

पिछले साल सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ खुली बगावत छेड़ दी थी. कई विधायक भी सचिन पायलट के समर्थन में दिखे थे. अब कुछ नेताओं का ऐसा कहना है कि कांग्रेस की राज्य इकाई, प्रदेश कांग्रेस कमेटी जमीन पर कमजोर दिखाई दे रही है, पिछले साल जुलाई से 39 सदस्यीय टीम के साथ काम कर रही है क्योंकि राज्य नेतृत्व के खिलाफ पायलट के खुले विद्रोह के बाद सभी स्थानीय कांग्रेस समितियों को भंग कर दिया गया था.

कैबिनेट विस्तार और नियुक्तियां नहीं होने पर सवाल

11 जून को कांग्रेस विधायक पीआर मीना खुले में ये मांग करते नजर आए कि कैबिनेट का विस्तार होना चाहिए और राजनीतिक नियुक्तियां भी होनी चाहिए.राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने पहले पिछले साल दिसंबर में और फिर मार्च में राजनीतिक नियुक्तियों की घोषणा की थी, लेकिन इसे लागू नहीं किया जा सका.पायलट का कहना है कि अभी नियुक्तियों में देरी और कैबिनेट विस्तार का कोई कारण नहीं है.

ताजा मामला ये भी है कि छह बार के विधायक हेमाराम चौधरी ने 22 मई को कांग्रेस सरकार से इस्तीफा दे दिया और वह अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए अनिच्छुक दिख रहे हैं. एक अन्य विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने इस्तीफा देने की धमकी दी है. दोनों प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के गुट से जुड़े हैं. हेमाराम चौधरी और पायलट के मुलाकात की भी बात सामने आ रही है. कलह की कहानी यहीं खत्म नहीं होती है क्योंकि गहलोत के बेहद करीबी माने जाने वाले दो मंत्रियों के बीच हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक के दौरान कथित तौर पर कहासुनी भी हुई थी.

इस बीच सभी की निगाहें इन मुद्दों को हल करने के लिए हाईकमान की पिचों पर टिकी हुई हैं या फिर हर साल पार्टी में आने वाले नए गुट कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी बजा रहे हैं, जो पंजाब जैसे अन्य राज्यों में भी टेस्ट के समय का सामना कर रहा है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×