सुपर स्टार रजनीकांत ने आखिरकार नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए उसका समर्थन किया है. रजनीकांत के मुताबिक नागरिकता कानून से देश के मुसलमानों को कोई खतरा नहीं है. अगर होगा, तो वो सबसे पहले उनके हक में खड़े होंगे.
“NRC अभी नहीं”
रजनीकांत ने नागरिकता संशोधन कानून पर बात करते हुए कहा,
नागरिकता संशोधन कानून मुस्लिम लोगों के लिए खतरा नहीं है. अगर उन्हें कोई दिक्कत हुई तो मैं उनके लिए आवाज उठाने वाला पहला शख्स बनूंगा.रजनीकांत, फिल्म एक्टर
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक रजनीकांत ने ये भी कहा कि, ‘बाहरी लोगों के बारे में पता लगाने के लिए एनपीआर का लागू होना जरूरी है. यह साफ कर दिया गया है कि एनआरसी अभी तक तैयार नहीं हुआ है.’
19 दिसंबर को रजनीकांत ने तमिल भाषा में एक ट्वीट कर देश में हो रही हिंसा की घटनाओं पर अपना सरोकार जाहिर किया था. हालांकि उन्होंने किसी विशेष घटना का जिक्र नहीं किया लेकिन लिखा- " हिंसा और दंगे किसी भी मसले का हल ढूंढने का जरिया नहीं बनने चाहिएं. मै देश के नागरिकों से मिलकर खड़े होने और देश की सुरक्षा और कल्याण के बारे में जागरुक होने की अपील करता हूं."
“CAA-NRC को लेकर सरकार ने कोई फैसला नहीं किया”
बता दें कि नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर देशभर में लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि अब सरकार ने साफ किया है कि देशभर में NRC लाने की अभी कोई योजना नहीं है. गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि अभी तक एनआरसी को लेकर सरकार ने कोई फैसला नहीं किया है.
लेकिन इससे पहले 20 नवंबर 2019 को संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि एनआरसी की प्रक्रिया देशभर में होगी, उस वक्त असम के अंदर भी ये एनआरसी की प्रक्रिया दोबारा से की जाएगी. इसी बयान के बाद से देशभर में एनआरसी के खिलाफ आवाज उठने लगी थी.
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