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Rajya Sabha चुनाव से पहले RLD ने खोला पत्ता, इस पार्टी को समर्थन देने का किया ऐलान

Rajya Sabha Elections: RLD प्रमुख जयंत चौधरी ने अपने विधायकों के बीच असंतोष की खबरों को खारिज कर दिया.

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बीजेपी (BJP) और राष्ट्रीय लोक दल (RLD) समझौते की औपचारिक घोषणा होने से पहले ही, आरएलडी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में उसके सभी नौ विधायक राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha elections) में न केवल बीजेपी उम्मीदवारों को वोट देंगे, बल्कि सोमवार को यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बुलाई गई बैठक में भी शामिल होंगे.

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आरएलडी विधायक दल के प्रमुख राजपाल बालियान ने कहा, ''मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 26 फरवरी को सुबह 11 बजे लखनऊ में 'बीजेपी सहयोगियों के विधायक दलों की बैठक' बुलाई है. इसमें संभवत: अगले दिन राज्यसभा चुनाव में मतदान की रणनीति पर चर्चा की जाएगी और हम इसमें शामिल होंगे.''

आरएलडी के सभी नौ विधायक रविवार को मथुरा में अपने पार्टी प्रमुख जयंत चौधरी से मुलाकात करेंगे.

"पार्टी में असंतोष की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है. और हमारे सभी विधायक बीजेपी उम्मीदवारों को वोट देंगे."
राजपाल बालियान, आरएलडी विधायक दल के प्रमुख

आरएलडी विधायकों के बीच असंतोष की खबरें उन खबरों के बाद आईं कि एसपी तीन आरएलडी विधायकों का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रही है. जो पहले समाजवादी पार्टी में थे. और अभी भी उनका अखिलेश यादव के साथ अच्छा तालमेल है.

राम मंदिर के 'दर्शन' के लिए सरकार द्वारा सभी विधायकों के लिए आयोजित हालिया अयोध्या यात्रा में आरएलडी के तीन विधायकों की अनुपस्थिति ने ऐसी अटकलों को और बढ़ा दिया.

हालांकि, जयंत चौधरी ने अपने विधायकों के बीच असंतोष की खबरों को खारिज कर दिया. उन्होंने नौ विधायकों की तस्वीरें भी जारी की.

राज्य की 10 सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के आठवें उम्मीदवार की जीत की कुंजी आरएलडी विधायकों के पास है.

यूपी विधानसभा में अपनी ताकत के आधार पर, सत्तारूढ़ बीजेपी और मुख्य विपक्षी एसपी दोनों को क्रमशः सात और तीन राज्यसभा सीटें जीतने में कोई समस्या नहीं होगी.

हालांकि, बीजेपी के आठवें उम्मीदवार के रूप में संजय सेठ के मैदान में उतरने से 10वीं सीट के लिए मतदान की आवश्यकता हो गई है, क्योंकि अब 11 प्रतियोगी हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि भले ही बीजेपी को अपने मौजूदा सहयोगियों (आरएलडी के नौ विधायकों को छोड़कर) के सभी विधायकों के वोट मिल जाएं, फिर भी सत्तारूढ़ दल अपने आठवें उम्मीदवार को निर्वाचित कराने के लिए पर्याप्त संख्या में पीछे रह सकता है.

दूसरी ओर, कांग्रेस के दो विधायकों द्वारा एसपी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने के बाद भी एसपी को अपने तीसरे उम्मीदवार को निर्वाचित कराने के लिए दो वोटों की कमी हो सकती है.

(इनपुट-आईएएनएस)

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