बॉम्बे हाई कोर्ट(Bombay High Court) ने सोमवार को NCP नेता और राज्य के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर और सोशल मीडिया पर सूचना प्रकाशित करने से रोकने से इनकार कर दिया.
हालांकि, अदालत ने कहा कि मलिक को सोशल मीडिया पर जानकारी जारी करने या पोस्ट करने से पहले उनका सत्यापन करना चाहिए.
वानखेड़े परिवार को नहीं मिली राहत
अदालत वानखेड़े के पिता ध्यानदेव काचरूजी वानखेड़े द्वारा मलिक के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे की सुनवाई कर रही थी जिसमें हर्जाने के लिए 1.25 करोड़ रुपये की मांग की गई थी.
यह मुकदमा तब दायर किया गया था जब महाराष्ट्र के मंत्री ने अपने ट्विटर हैंडल पर समीर वानखेड़े का जन्म प्रमाण पत्र साझा किया था, जिसमें दावा किया गया था कि उनके पिता दाऊद वानखेड़े हैं.
ध्यानदेव की याचिका में दावा किया गया है कि समीर वानखेड़े के खिलाफ पूरी कार्रवाई मलिक के दामाद समीर खान को एनसीबी द्वारा इस साल जनवरी में एनडीपीएस अधिनियम के तहत कथित तौर पर प्रतिबंधित व्यापार के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद शुरू हुई थी. खान को बाद में सितंबर में जमानत पर रिहा कर दिया गया
इस बीच, ध्यानदेव ने मलिक के खिलाफ विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके और उनके परिवार के सदस्यों और उनकी जाति के खिलाफ कथित रूप से "झूठी और अपमानजनक" टिप्पणी करने के लिए मुंबई में एक पुलिस शिकायत भी दर्ज की है.
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