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लोकसभा में 2 RLD उम्मीदवार: एक बड़े चौधरी के जमाने के नेता, दूसरे राजनीतिक परिवार के युवा

बागपत से RLD के वरिष्ठ नेता राजकुमार सांगवान, बिजनौर लोक सभा सीट पर युवा विधायक चंदन चौहान को उम्मीदवार बनाया है.

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जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल (RLD) ने एनडीए गठबंधन में अपनी दो सीट, बागपत (Bagpat) और बिजनौर (Bijnor) पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है. बागपत में पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेता राजकुमार सांगवान को मैदान में उतारा है. वहीं दूसरी तरफ पश्चिम यूपी की बिजनौर लोकसभा सीट पर युवा विधायक चंदन चौहान को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है. इससे अब यह साफ हो गया है कि आरएलडी यूपी में दो सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

जमीनी नेता, संघर्ष कर आगे बढ़े राजकुमार सांगवान

बागपत से आरएलडी के उम्मीदवार राजकुमार सांगवान जमीनी नेताओं में गिने जाते हैं. दिवंगत नेता अजीत सिंह और फिर अब उनके बेटे जयंत सिंह के करीबियों में गिने जाने वाले राजकुमार सांगवान ने चार दशक से अधिक का लंबा समय पार्टी को पश्चिमी यूपी में मजबूत करने के लिए दिया है.

ईमानदार और साफ छवि के नेताओं में गिने जाने वाले राजकुमार सांगवान 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान मेरठ की सिवालखास सीट से चुनाव लड़ने वाले थे. तब ऐसा माना जा रहा था कि उन्हें ही टिकट दिया जाएगा लेकिन आखिरी वक्त पर समाजवादी पार्टी प्रत्याशी गुलाम मोहम्मद को टिकट दिया गया. टिकट कटने के बावजूद राजकुमार सांगवान ने गुलाम मोहम्मद को अपना पूरा समर्थन देकर चुनाव लड़वाया था.

मेरठ में छात्र राजनीति से अपने करियर की शुरुआत करने वाले राजकुमार सांगवान पिछले चार दशक में पार्टी में विभिन्न पदों पर रहे. किसानों के मुद्दों को लेकर मुखर रहने वाले राजकुमार सांगवान को 2022 विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया था. इस बार चर्चा थी कि बागपत सीट पर जयंत चौधरी की पत्नी चारु सिंह को प्रत्याशी बनाया जा सकता है. हालांकि आधिकारिक घोषणा में राजकुमार सांगवान का नाम आया.
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चंदन चौहान से होगी गुर्जर वोटों को साधने की कोशिश

बिजनौर लोकसभा में आने वाली मीरापुर विधानसभा से विधायक चंदन चौहान को आरएलडी ने बिजनौर से अपना लोकसभा प्रत्याशी बनाया है. चंदन चौहान राजनीतिक परिवार से आते हैं. उनके दादा बाबू नारायण सिंह यूपी के पूर्व उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं तो वहीं पिता विधायक और सांसद रह चुके हैं. परिवार का कैराना, मुजफ्फरनगर और बिजनौर लोकसभा सीटों पर गुर्जरों में अच्छा प्रभाव रहा है.

  • 2014 में अपने पिता और पूर्व सांसद संजय चौहान की मौत के बाद चंदन चौहान राजनीति में सक्रिय हुए. उस समय संजय चौहान आरएलडी में थे और 25 वर्षीय उनका बेटा चंदन चौहान पार्टी में एक युवा पदाधिकारी.

  • पिता की मौत के बाद चंदन चौहान की नजदीकियां समाजवादी पार्टी से बढ़ी. 2017 विधानसभा चुनाव में एसपी ने चंदन चौहान की मुजफ्फरनगर की खतौली विधनसभा सीट पर टिकट दिया. हालांकि बीजेपी लहर में चंदन चौहान यह सीट बचा नहीं सके.

  • 2022 में एक बार फिर चंदन चौहान को आरएलडी सिंबल पर मीरापुर विधानसभा सीट पर चुनावी मैदान में उतारा गया. इस बार उन्होंने जीत दर्ज की.

2022 विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर एसपी ने अपने उम्मीदवारों को आरएलडी के चिन्ह पर चुनाव लड़ाया था और मीरापुर विधानसभा सीट भी उन्हीं में से एक थी. हालांकि विधानसभा चुनाव के बाद जयंत चौधरी ने पार्टी के बाकी नेताओं को दरकिनार करते हुए चंदन चौहान पार्टी के युवा मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया था.

कभी आरएलडी से एसपी में गए चंदन चौहान की एक बार फिर घर वापसी हो गई. विशेषज्ञों की मानें तो दलित और गुर्जर बाहुल्य बिजनौर सीट पर चंदन चौहान के प्रत्याशी होने से गुर्जर वोटों को साधने में मदद मिलेगी.

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