राजस्थान विधानसभा में गहलोत सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया है. इसके साथ ही पिछले कई हफ्तों से चल रहे सियासी ड्रामे का भी अंत हो चुका है. कांग्रेस से नाराज होकर वापस आए सचिन पायलट और 18 विधायकों ने भी इस फ्लोर टेस्ट में हिस्सा लिया. जिसके बाद सचिन पायलट ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राजस्थान विधानसभा में काफी ज्यादा अंतर से बहुमत साबित कर दिया गया है. विपक्ष की कई कोशिशों के बाद भी सरकार के पक्ष में नतीजा आया है.
सचिन पायलट ने इससे पहले विधानसभा में पीछे की कुर्सी पर जगह मिलने को लेकर भी कहा था कि बॉर्डर पर सबसे मजबूत योद्धा को भेजा जाता है. लेकिन इसके बाद बाहर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा,
“आज विधानसभा में बहुमत साबित हो चुका है. इससे उन सभी अटकलों पर विराम लग जाएगा जो लगाई जा रही थीं. जो मुद्दे उठाए गए थे उनके लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है. मुझे पूरा यकीन है कि इस रोडमैप की घोषणा वक्त पर होगी. पहले मैं सरकार का हिस्सा था, लेकिन आज नहीं हूं. ये जरूरी नहीं है कि कौन कहां पर बैठता है. लेकिन ये जरूरी है कि लोगों के दिलों और दिमाग में क्या है. सिटिंग पैटर्न को स्पीकर और पार्टी ने तय किया था और मैं इस पर कुछ नहीं कहना चाहता. मैं आखिरी सांस तक प्रदेश के लिए समर्पित हूं.”
‘हम राजस्थान सरकार के सुरक्षा कवच’
सीटिंग अरेंजमेंट को लेकर सचिन पायलट ने इससे पहले भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा था,
"मैं पहले जिस सीट पर बैठता था, वहां मैं सुरक्षित था. फिर मैंने सोचा कि मुझे अलग सीट क्यों आवंटित की गई है. मैंने देखा कि यह बॉर्डर है - एक तरफ सत्तारूढ़ पार्टी, दूसरी तरफ विपक्ष. बॉर्डर पर कौन भेजा जाता है? सबसे मजबूत योद्धा.मैं हूं या मेरा कोई भी दोस्त, हमने 'डॉक्टर' से सलाह ली और हम सभी 125 'ट्रीटमेंट' के बाद आज सदन में खड़े हैं... इस बॉर्डर पर बमबारी हो सकती है, लेकिन हम कवच होंगे और सब कुछ सुरक्षित बनाए रखेंगे."
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